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कहीं वॉटरप्रूफ पॉलिथीन से ढका रावण, कहीं पुतले बनाने वाला दे रहा 11 हजार का चैलेंज… दशहरा पर कहां कैसी तैयारी – dussehra ravana effigy challenge preparation droupadi murmur Sonia gandhi ntc


देशभर में कल विजयदशमी मनाई जाएगी, इस मौके पर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग शहरों में तैयारियां चल रही हैं. कहीं रावण के पुतले को वॉटरप्रूफ पॉलिथिन से ढका गया है, तो कहीं पुतले बनाने वाले ने 11 हजार का चैलेंज दिया है. देशभर में रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है. इसी क्रम में कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू धार्मिक रामलीला कमेटी में शामिल होंगीं. वहीं, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी कल नव श्री धार्मिक रामलीला में दशहरा पर्व में शामिल होंगी.

सबसे पहले बात दिल्ली की करें तो, दिल्ली के लालकिला मैदान में रावण का विशाल पुतला पूरी तरह तैयार कर लिया गया है. लवकुश रामलीला समिति की ओर से इसे कल सुबह खड़ा किया जाएगा. इस बार समिति ने बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल को रावण दहन के लिए आमंत्रित किया है. करीब 65 फीट ऊंचे रावण के इस पुतले को बनाने वाले कारीगर ने दावा किया है कि राजधानी में इससे सुंदर रावण कहीं और नहीं बना. उन्होंने चैलेंज देते हुए कहा कि अगर दिल्ली में किसी ने मेरे रावण से ज़्यादा सुंदर रावण बनाया है तो मैं उसे नक़द 11 हज़ार रुपये इनाम देने को तैयार हूं.

वहीं, लखनऊ के ऐतिहासिक रामलीला आयोजन में इस बार 70 फीट ऊंचा रावण तैयार किया गया है. खास बात ये है कि रावण के साथ मेघनाद और कुंभकरण के पुतले भी बनाए गए हैं. बारिश के असर से बचाने के लिए पुतलों को वॉटरप्रूफ पॉलिथीन से ढका गया है. दशहरे के दिन तीनों पुतलों का दहन किया जाएगा. मेला महासचिव और प्रबंधक हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस बार आयोजन में चाइनीज आतिशबाजी का इस्तेमाल नहीं होगा. पूरी तरह से देशी आतिशबाजी के जरिए रावण दहन किया जाएगा. 

उधर, चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर दशहरे पर रावण दहन के दौरान ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. गोयल ने कहा कि रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों में पटाखों का इस्तेमाल दशकों पुरानी परंपरा रही है. दिल्ली को छोड़कर देशभर में रावण दहन के दौरान पटाखों का उपयोग किया जाता है, जबकि बिना पटाखों के रावण दहन अधूरा सा लगता है.  

उन्होंने तर्क दिया कि ग्रीन पटाखे प्रदूषण रहित होते हैं और दिल्ली के पटाखा व्यापारी पिछले कुछ सालों से इन्हीं का उत्पादन कर रहे हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि दशहरा पर्व भव्य तरीके से मनाया जा सके. सीटीआई के अनुसार, दिल्ली में इस समय करीब 700 रामलीलाएं आयोजित हो रही हैं, जिनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. 

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