अयोध्या में हर साल की तरह इस बार भी फिल्मी सितारों की भागीदारी के साथ भव्य रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन इस बार यह रामलीला विवादों में आ गई है. दशहरे के दिन रावण दहन कार्यक्रम अचानक रुक गया जिससे आयोजक और दर्शक दोनों हैरान रह गए.
रामलीला समिति के अध्यक्ष सुभाष मलिक बॉबी ने बताया कि इस बार 240 फीट ऊंचे रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतले बनाए गए थे. साथ ही सोने की लंका का भी निर्माण किया गया था. इन सब पर लाखों रुपये खर्च हुए थे. लेकिन अंतिम समय में जिला प्रशासन ने पुतलों के दहन की अनुमति नहीं दी.
प्रशासन ने नहीं दी पुतलों के दहन की अनुमति
आयोजकों का कहना है कि प्रशासन के इस निर्णय से न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है बल्कि भावनात्मक आघात भी पहुंचा है. लोगों को इस आयोजन का लंबे समय से इंतजार था. वहीं प्रशासन का पक्ष अलग है. एसडीएम सदर योगानंद पांडेय ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि आयोजकों ने केवल रामलीला के लिए अनुमति ली थी.
रावण दहन की अलग से अनुमति नहीं ली गई थी. इसके अलावा पूरे आयोजन का स्वरूप पारंपरिक न होकर अत्यधिक व्यावसायिक दिखाई दिया, इसलिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया. बता दें, बॉबी मलिक ने भी यह स्वीकार किया कि रावण दहन की औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी.
विवादों में आई अयोध्या की भव्य रामलीला
अब इस फैसले को लेकर अयोध्या में बहस छिड़ गई है. धार्मिक आयोजन पर प्रशासन की सख्ती को लेकर लोग अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. इस विवाद के चलते अयोध्या की रामलीला इस बार सुर्खियों में रही और दशहरे के दिन का मुख्य आकर्षण बिना पुतला दहन के ही खत्म हो गया.
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