राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. विजयादशमी यानी दशहरा के मौके पर रावण दहन के दौरान अब ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति के लिए अब मांग उठने लगी है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) की दिल्ली इकाई ने इसे लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है.
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने दिल्ली की सीएम को लिखे पत्र में परंपरा का उल्लेख करते हुए दशहरे पर ग्रीन पटाखों की अनुमति देने की मांग की है. दिल्ली में 22 सितंबर से रामलीला शुरू हुई थी, जो 3 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि इस बार 10 दिन की होने की वजह से दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाना है.
सीएम रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में बृजेश गोयल ने लिखा है कि दशहरा के दिन रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले लाने की परंपरा चली आ रही है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में रावण दहन के दौरान पुतलों में पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है. सीटीआई के चेयरमैन ने कहा है कि बिना पटाखों का इस्तेमाल किए रावण दहन में काफी परेशानी होती है.
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उन्होंने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से दशहरा पर रावण दहन के दौरान ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति देने की अपील की है. सीटीआई दिल्ली के चेयरमैन ने कहा है कि ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति से रावण दहन के साथ-साथ दशहरा भव्य तरीके से मनाया जा सकेगा. उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि ग्रीन पटाखे पूरी तरह से प्रदूषण रहित होते हैं.
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सीटीआई चेयरमैन ने यह तर्क भी दिया है कि पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली के तमाम पटाखा व्यापारी पूरी तरह से ग्रीन पटाखों का ही उत्पादन और व्यापार कर रहे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में छोटे और बड़े आयोजनों को मिलाकर लगभग 700 स्थलों पर रामलीला का आयोजन होता है. इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं.
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