हम बचपन से अक्सर यह सुनते आए हैं कि खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए. इसी वजह से आमतौर पर ज्यादातर लोग बचा हुआ खाना फ्रिज में रख देते हैं और जब भूख लगती है तो उसे गर्म करके खाते हैं. विज्ञान कहता है कि बचा हुआ खाना गर्म करके खाया जा सकता है लेकिन आयुर्वेद इस पर अलग नजरिया रखता है.
आयुर्वेद के अनुसार बचा हुआ यानी लंबे समय तक रखा हुआ खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. यहां हम आपको तीन ऐसे कारण बता रहे हैं जिन्हें जानकर आप भी रात का खाना सुबह और बचा हुआ दिन का खाना रात में खाने से बचेंगे.
1- ताजा खाना पौष्टिक और हेल्दी होता है
ताजा बना हुआ खाना हेल्दी पोषक तत्वों से भरपूर होता है. जबकि पुराना खाने में पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है. देर तक रखा हुआ खाना शरीर को ऊर्जा नहीं देता बल्कि आलस बढ़ा देता है. आयुर्वेद के अनुसार, खाना पकाने के 1-3 घंटे तक ही ताजा रहता है इसलिए उसे इस बीच खा लेना चाहिए.
अगर आपको कभी पहले से पका हुआ खाना मजबूरी में खाना भी पड़े तो आपको उसे ठीक से स्टोर करना चाहिए ताकि यह खराब न हो. आयुर्वेद के अनुसार, पहले से पके हुए खाने को स्टोर करते समय वैक्यूम पैकिंग या हीट इंसुलेशन का ऑप्शन अपना सकते हैं ताकि खाने में बैक्टीरिया न पनपे और वह खाने लायक रहे.
2. बासी भोजन असंतुलन पैदा करता है
आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप बचा हुआ खाना खाते हैं तो इससे आपको कई दोष और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. तीन मुख्य दोषों जिसमें वात, पित्त, कफ में वात दोष पाचन तंत्र से बहुत जुड़ा होता है और बासी खाना खाने से शरीर में असंतुलन पैदा होता है. बचे हुए खाने में कीटाणु और बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं. इसके अलावा बचे हुए खाने में पोषक तत्वों की मात्रा भी कम हो जाती है. इसलिए खाना पकाने के 1 घंटे के अंदर खाया जाए तो यह आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा खाना होता है.
3. आप जैसा खाते हैं, वैसे ही बनते हैं
योग और आयुर्वेद के सभी समर्थक कहते हैं कि खाने की क्वालिटी आपके स्वभाव को तय करती है. अगर आप ताजा, हेल्दी और सात्विक खाना खाते हैं तो आपका शरीर ऊर्जावान रहता है. अगर आप बासी, जंक और राजसिक भोजन खाते हैं तो आपके स्वभाव में भी आलस और गुस्सा बढ़ जाता है. इसलिए हमेशा ताजा और गर्मागरम खाना ही खाना चाहिए.
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