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नोबेल की राह पर ट्रंप? गाजा पीस प्लान से पूरी होगा सपना या अधूरी रहेगी ख्वाहिश, क्या है इस प्लान में – Donald Trump Gaza Peace Plan Nobel Prize Israel Qatar Arab Nations ntcpmm


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का असली मौका दे दिया है. इस योजना का समर्थन इजराइल, कतर और कई अरब देशों ने किया है. अगर यह योजना लागू होती है, तो यह मध्य पूर्व की कूटनीति बदल सकती है और ट्रंप को वो सम्मान दिला सकती है जिसके लिए वे लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं.

ट्रम्प ने सीधे नार्वे के वित्त मंत्री जेंस स्टोल्टेनबर्ग से भी कहा था कि वे नोबेल शांति पुरस्कार जीतना चाहते हैं. महीनों की लंबी बातचीत, दबाव और धमकियों के बाद, ट्रंप अब इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के करीब हैं. सोमवार को ट्रंप ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कतर से माफी दिलवाई जिससे अमेरिकी नेतृत्व वाली 20 पॉइंट वाली गाजा शांति योजना के रास्ते साफ हुए. ट्रंप ने इसे शांति के लिए ऐतिहासिक दिन बताया.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने की तारीफ

इस योजना में तुरंत संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई और गाजा में प्रशासनिक बदलाव शामिल हैं. मंगलवार को संयुक्त बयान में यूएई, सऊदी अरब, कतर, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने ट्रंप के नेतृत्व और गाजा में युद्ध खत्म करने के प्रयासों की सराहना की.

इससे पहले इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा में हामास नेताओं पर हवाई हमला किया था जिसमें एक कतर सुरक्षा अधिकारी और पांच हामास सदस्य मारे गए. इस हमले ने शांति वार्ता में बाधा डाली थी. ट्रंप ने नेतन्याहू और कतर के प्रधानमंत्री के बीच फोन वार्ता कर माफी दिलवाई और शांति की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया.

आख‍िर ट्रंप की योजना में क्या-क्या है

ट्रम्प की योजना में तत्काल संघर्ष विराम, हमास द्वारा सभी बंधकों की 72 घंटे में रिहाई, आतंकियों की छूट और गाजा का आतंक-मुक्त क्षेत्र बनाने जैसी प्रमुख बातें शामिल हैं. इस योजना का स्वागत कई अरब और इस्लामी देशों ने भी किया है. ट्रम्प की नोबेल शांति पुरस्कार की इच्छा पहली बार उनके पहले कार्यकाल में अब्राहम समझौतों के बाद सामने आई थी. इजराइल, पाकिस्तान, कंबोडिया, आर्मेनिया, अज़रबैजान, रवांडा और कांगो ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये योजना सफल होती है और गाजा में शांति स्थापित होती है तो ट्रंप वास्तव में नोबेल पुरस्कार के योग्य हैं. इस साल न सही, तो अगले साल, ट्रंप अब नोबेल शांति पुरस्कार के लिए गंभीर दावेदार बन गए हैं.

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