0

North Korea Declares We Will Not Give Up Nuclear Weapons At The United Nations Also Takes A Swipe At The Us – Amar Ujala Hindi News Live


उत्तर कोरिया और वहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग परमाणु कार्यक्रम को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहते आए हैं। इसी सिलसिले में उत्तर कोरिया एक बार फिर चर्चा में तब आया जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में उत्तर कोरिया के वरिष्ठ उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने दो टूक कहा कि उनका देश कभी भी अपने परमाणु हथियार नहीं छोड़ेगा। उन्होंने इन हथियारों को दक्षिण कोरिया के साथ शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी बताया। इस दौरान किम ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा किए जा रहे सैन्य अभ्यासों को बढ़ते खतरे की तरह बताया।

उत्तर कोरियाई उप विदेश मंत्री ने कहा कि इनकी वजह से कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा को अब पहले से ज्यादा खतरे का सामना है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेंगे। यह हमारे संविधान में शामिल है। हालांकि देखा जाए तो इस बार उत्तर कोरियाई नेता का भाषण पहले की अपेक्षा थोड़ा नरम था। उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना दादागीरी करने वाली ताकतों और अनुचित आर्थिक नीतियों की आलोचना की, लेकिन किसी तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल नहीं किया।

ये भी पढ़ें:- Israel-Gaza Conflict: गाजा युद्ध पर ट्रंप की नई शांति योजना, नेतन्याहू राजी; बोले- हमास नहीं माना तो इस्राइल..

दक्षिण कोरिया ने आरोपों को किया खारिज

दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरियाई नेता की तरफ से लगाए गए इन आरोपों पर दक्षिण कोरिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दक्षिण कोरिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हाल के त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरों का जवाब हैं।

संयुक्त राष्ट्र की कई सुरक्षा परिषद प्रस्तावों में उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम बंद करने की मांग की जा चुकी है। वहीं दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने बताया कि राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने ट्रंप से कोरिया प्रायद्वीप में शांति बहाली के लिए भूमिका निभाने की अपील की है। ट्रंप ने इस पर अपनी रुचि भी दिखाई है।

ट्रंप और किम की बातचीत की फिर उम्मीद

बता दें कि यह भाषण ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच फिर से संवाद की संभावनाएं जताई जा रही हैं। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 2018-2019 में तीन बैठकें हुई थीं, लेकिन प्रतिबंधों के मुद्दे पर बातचीत टूट गई थी। ऐसे में अब ट्रंप के फिर से सत्ता में आने के बाद उन्होंने किम से बातचीत की इच्छा जताई है। उधर, किम ने भी हाल ही में कहा कि ट्रंप के साथ उनकी अच्छी यादें हैं, लेकिन अमेरिका को पहले परमाणु हथियार छोड़ने की शर्त को हटाना होगा।

ये भी पढ़ें:- London: लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़, भारत ने जताई कड़ी नाराजगी; जांच के लिए उठाई मांग

एशिया दौरे पर ट्रंप, चीन और उत्तर कोरिया से जुड़ाव बढ़ने की उम्मीद

गौरतलब है कि ट्रंप अगले महीने दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे और एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (एपीईसी) सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी होने की संभावना है। इन सबके बीच उत्तर कोरिया रूस और चीन के साथ अपने रिश्ते और मजबूत कर रहा है। हाल ही में किम जोंग उन, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की वर्षगांठ पर बीजिंग में एक सैन्य परेड में एक साथ मंच साझा किया। इसके बाद उत्तर कोरिया और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीन हुई।