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‘सोयाबीन’ बनी Trump के लिए सिरदर्द… चीन की रोक से संकट में अमेरिकी किसान, तगड़ा नुकसान – Trump big Headache Soyabean farmers face crisis after China halts imports tutc


डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर खुद अमेरिका के लिए भी परेशानी का सबब बनता नजर रहा है और इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनी है ‘सोयाबीन’. जी हां अमेरिकी सोयाबीन किसानों को बढ़ती अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है और वे दशकों के सबसे बड़े संकट में फंसे दिखाई दे रहे हैं, जिसका कारण चीन है. दरअसल, चीन ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में सोयाबीन की खरीद रोकी हुई है, जिसके चलते इसका उत्पादन करने वाले किसानों के लिए अपने सबसे बड़े बाजार तक पहुंच खत्म हो गई है और उन्हें करीब 12 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

असमंजस में अमेरिकी सोयाबीन किसान
चीन, जो आमतौर पर अमेरिका में सोयाबीन की कम से कम एक-चौथाई बिक्री के लिए हमेशा बड़ा खरीदार रहा है. लेकिन, बीते मई महीने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर भारी टैरिफ लगाया गया और आयात बंद कर दिया गया था. इसके जवाब में चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिकी सोयाबीन पर 34% का शुल्क लगा दिया और फिर खरीद बंद कर दी. अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन बिजनेस ग्रुप के चीफ कैलेब रैगलैंड ने कहा था कि यह हमारे उद्योग के लिए एक बड़ी चेतावनी है. हालिया जारी एपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में सोयाबीन की फसल कटाई के लिए तैयार है, लेकिन किसानों को यह नहीं पता कि वे अपनी फसल कहां बेचेंगे, क्योंकि चीन ने इसकी खरीद बंद कर दी है.

ड्रैगन की मार, $12.5 अरब का नुकसान! 
अमेरिका के सोयबीन उत्पादकों के लिए अपने सबसे बड़े विदेशी खरीदार तक पहुंच नहीं होने से उनके सामने संकट खड़ा हो गया है, जो बीते कई दशकों में सबसे बड़ा है. रिपोर्ट पर नजर डालें, तो पिछले साल अमेरिका ने लगभग 24.5 अरब डॉलर मूल्य का सोयाबीन निर्यात किया था और इसमें चीन ने 12.5 अरब डॉलर मूल्य का अमेरिकी सोयाबीन खरीदा. मतलब सबसे बड़ा खरीदार ड्रैगन रहा था. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल चीन की खरीदारी का यह आंकड़ा शून्य है.

किसानों की चिंता, ट्रंप का राहत पैकेज
अमेरिकी सोयाबीन निर्यात परिषद के सीईओ जिम सटर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि नजदीक आ रहे सोयाबीन की कटाई के मौसम को लेकर चिंता गहरा रही है. उन्होंने कहा कि मुझे सच में चिंता हो रही है कि समय निकलता जा रहा है, मई से सितंबर के बीच चार दौर की बातचीत के बावजूद सोयाबीन व्यापार पर कोई बात नहीं बनी है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते गुरुवार को कहा कि अगर इसे लेकर कोई समझौता नहीं हो पाता है, तो वह किसानों के लिए एक सहायता पैकेज पर विचार कर रहे हैं, जो उनके पहले कार्यकाल के दौरान दी गई सहायता के समान ही होगा. हालांकि, सोयाबीन किसानों का कहना है कि ऐसी राहत सिर्फ एक अस्थायी समाधान ही होगी.

चीन ने दोहराया- पहला कदम उठाए US
दूसरी ओर चीन अमेरिकी सोयाबीन खरीदारी को लेकर अपने रुख पर बना हुआ है. बीजिंग ने फिर से दोहराया है कि वाशिंगटन को ही पहला कदम उठाना होगा. चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ही याडोंग ने कहा है कि सोयाबीन के व्यापार के संबंध में, अमेरिका को द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार के लिए परिस्थितियां बनाने के लिए संबंधित अनुचित टैरिफ को रद्द करने के लिए कदम उठाना चाहिए. बता दें, सोयाबीन के अलावा, चीन के जवाबी टैरिफ ने अमेरिकी ज्वार, मक्का और कपास उत्पादकों के साथ-साथ मरीन फूड एक्सपोर्ट को भी बुरी तरह प्रभावित किया है.

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