यौन शोषण और जालसाजी के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती भले ही सलाखों के पीछे हैं, लेकिन बाहर उनका खौफ अभी कायम है. उनकी गिरफ्तारी के बाद पीड़िता छात्राओं के चेहरों पर थोड़ी राहत जरूर दिखी, लेकिन मन के भीतर की बेचैनी साफ दिख रही है. सबकी जुबान पर एक ही बात, ‘आधी जंग अभी बाकी है.’ उनको डर है कि बाबा अपने रसूख के जरिए कभी भी बाहर आ सकता है.
62 साल के स्वामी पार्थसारथी उर्फ स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती दिल्ली के एक निजी संस्थान के प्रमुख रह चुके हैं. उन पर आरोप है कि 17 से ज्यादा छात्राओं का यौन शोषण किया है. इनमें ज्यादातर गरीब और कमजोर पृष्ठभूमि की छात्राएं हैं. बाबा रात में छात्राओं को अपने पास बुलाता, अश्लील मैसेज भेजता, विरोध करने पर पढ़ाई में फेल करने की धमकी तक देता था. उसके गुनाहों की फेहरिस्त लंबी है.
इसमें सबसे चौंकाने वाला गुनाह ये है कि आरोपी ने गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में गुप्त कैमरे लगवाए थे. इनके जरिए वो लड़कियों को देखता था. उसकी नजर युवा लड़कियों पर ज्यादा रहती थी. रविवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने उसकी करतूतों को खुलासा किया तो हर कोई सन्न रह गया. वो छात्राओं को डरा-धमकाकर उनका यौन शोषण किया करता था.
एक पीड़िता छात्रा की दोस्त बताती है कि साल 2016 में उसने भी हिम्मत करके आरोपी की शिकायत की थी. उसने खुलासा किया था कि स्वामी चैतन्यानंद ने उसे ऑफिस में बुलाकर छेड़छाड़ किया, विरोध करने पर उसे धमकाया. यहां तक कि उसका मोबाइल फोन तक छीन लिया. छात्रा के अंदर डर इतना बढ़ गया कि वो अपने दस्तावेजों के बिना ही हॉस्टल से भाग गई, लेकिन उसके लोग वहां भी पहुंच गए.
पुलिस ने जब्त की आठ करोड़ की संपत्ति
दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी बाबा ने करोड़ों की हेराफेरी की है. यहां तक कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उसने अपने बैंक खाते से 55 लाख रुपए निकाले. अब तक पुलिस ने लगभग 8 करोड़ रुपए की संपत्ति और जमा राशि जब्त कर ली है. यही नहीं आरोपी ने एक फर्जी नाम से पासपोर्ट भी बनवा लिया था. इसके साथ ही एंबेसी से जुड़े कागजातों के जरिए धौंस जमाता था.
पीड़ित छात्राओं का का कहना है कि ये अभी पहला कदम है. आरोपी को उम्रकैद मिलनी चाहिए. जो संपत्ति, प्रमाणपत्र और दस्तावेज उसने छीने हैं, वे तुरंत पीड़ितों को लौटने चाहिए. तभी इसे न्याय कहा जाएगा. छात्राओं को चिंता है कि उसके बड़े रसूखदार रिश्ते हैं और वो जेल में रहते हुए भी छूटने की कोशिश कर सकता है. एक पीड़िता ने कहा, “यह डर असली है. हम सब इसे महसूस कर रहे हैं.”
पीड़िता की जुबानी बाबा की कहानी
एक पीड़िता ने आजतक को बताया, “ये हमारे ओरिजनल डाक्यूमेंट्स जमा करवा लेते और ब्लैकमेल करते थए. वो हम से कहते थे कि आपके एग्जाम में फेल करवा देंगे या कॉलेज से निकाल देंगे. इस दबाव में स्वामी हमें अपने हिसाब से चलने को मजबूर करता था. विदेश भेजने का लालच, नौकरी दिलवाने का झांसा, बाहर डिनर पर चलने का दबाव… ये सब बातें स्वामी करता था.”
पीड़िता ने बताया कि संस्थान की एक वार्डन आरोपी का साथ देती थी. वो आगे कहती है, ”मैंने छेड़छाड़ और मेंटली हैरासमेंट की शिकायत की थी, लेकिन उसके बाद बाबा ने मेरा लैपटॉप, मोबाइल और डाक्यूमेंट्स तक छीन लिए. मजबूरी में मुझे हॉस्टल से भागना पड़ा. आज भी मेरी चीजें वहीं पड़ी हैं. यदि मेरी शिकायत पर उस वक्त एक्शन लिया जाता तो इतनी सारी लड़कियों को परेशान नहीं होना पड़ता.”
स्वामी चैतन्यानंद पर आरोपों की लिस्ट
– 17 छात्राओं से बदसलूकी का आरोप
– आश्रम और ऑफिस में बुलाकर छेड़छाड़
– फर्जी ट्रस्ट बनाकर संस्थान पर कब्जे की कोशिश
– 20 करोड़ रुपए अवैध रूप से नए ट्रस्ट में ट्रांसफर
– जुलाई 2025 से 60 लाख रुपए कैश निकालना
स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ दर्ज केस
दिल्ली पुलिस ने आरोपी चैतन्यानंद पर शिकंजा कस दिया है. गिरफ्तारी के बाद अब सवालों की लंबी लिस्ट है. पुलिस पूछताछ करेगी कि केस दर्ज होने के बाद वो कहां-कहां छिपा रहा. उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 75(2), 79, 351 (2) के तहत केस दर्ज किया गया था. इसमें नई धारा 351(3) जोड़ दी गई है. ये सभी धाराएं छात्राओं के यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, धमकी और धोखाधड़ी पर आधारित हैं.
दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद की मोबाइल लोकेशन ट्रैक की, तो आखिरी लोकेशन आगरा में मिली. इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चला और रात करीब 3:30 बजे उसे आगरा के होटल द फर्स्ट से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के वक्त बाबा अकेला था. पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था. गिरफ्तारी के बाद रविवार को उसको पुलिस कस्टडी में मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया.
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