क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी दुनिया के शीर्ष वैश्विक संस्थानों में शुमार हुई. भारत के साथ बढ़ते आर्थिक संबंधों और मजबूत शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते क्वीन्सलैंड भारतीय छात्रों का पसंदीदा स्थल बन रहा है. ऑस्ट्रेलिया का क्वीन्सलैंड तेजी से भारतीय छात्रों के लिए पढ़ाई के लिए पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय स्थल के रूप में उभर रहा है. शिक्षा के वर्ल्ड क्लास प्रोग्राम, स्टूडेंट फ्रेंडली शहर और ग्रेजुएशन के बाद नौकरी के अच्छे मौकों के चलते भारतीय छात्र इस राज्य को चुन रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर क्यों इंडियंस पढ़ाई के लिए वहां जाना पसंद कर रहे हैं?
पढ़ाई के अलावा वहां के खूबसूरत शहर, क्षेत्रीय लाभ और इंडस्ट्री लिंकेज के अवसर सीखने और करियर के विकास के लिए एक अच्छा वातावरण देते हैं. छात्र पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science), नर्सिंग, बिजनेस, आईटी, नेचुरल साइंस, फार्मेसी और इंजीनियरिंग समेत कई विषय पढ़ रहे हैं.
क्यों क्वीन्सलैंड बन रहा है एजुकेशन का केंद्र?
यूनिवर्सिटी की मजबूत क्यूएस रैंकिंग
क्वीन्सलैंड की यूनिवर्सिटीज में एजुकेशन के साथ मजबूत शैक्षिक प्रोग्राम को महत्व दिया जाता है. साल 2025 में सब्जेक्ट्स के आधार पर हुई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के मुताबिक क्वीन्सलैंड की यूनिवर्सिटी दुनिया के टॉप ग्लोबल इंस्टीट्यूट में शुमार है. इसे मेडिसिन में 75वीं, ईवीएस में 15वीं, नेचुरल साइंस में 55वीं, नर्सिंग में 45वीं, अर्थ एंड मरीन साइंस में 44वीं, और फार्मेसी और फार्माकोलॉजी में 28वीं रैंक हासिल हुई. लिस्ट में ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी, क्यूयूटी और जेम्स कुक यूनिवर्सिटी ने भी जगह बनाई.
अच्छे करियर के मौके
क्वीन्सलैंड के ब्रिसबेन, गोल्ड कोस्ट, केर्न्स, टुवूम्बा और टाउन्सविले जैसे शहरों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अतिरिक्त लाभ मिलते हैं. ग्रेजुएट छात्रों को पढ़ाई के बाद एक और साल के लिए काम करने का मौका मिलता है, जिससे बाद में उनके वहीं बसने की संभावना बढ़ जाए.
भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध
ऑस्ट्रेलिया-भारत इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट (ECTA) के बाद क्वीन्सलैंड और भारत के बीच व्यापार और शिक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. इस सहयोग से रिसर्च, इनोवेशन और स्किल डेवेलपमेंट जैसे क्षेत्रों का विकास हो रहा है. क्वीन्सलैंड के अंतरराष्ट्रीय छात्रों का भारत दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है. वहीं, भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों का क्वीन्सलैंड सातवां सबसे बड़ा बाजार है. भारत ने साल 2024 में ऑस्ट्रेलिया में 50.6 बिलियन डॉलर सीधे निवेश किए थे.
कम लागत में अच्छा रहन-सहन
वहां रहने के लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षित वातावरण और रेसिडेंशियल कैंपस से लेकर होमस्टे और किराए पर सस्ते घर उपलब्ध हैं. लगभग हर शहर में वॉटर स्पोर्ट्स, हाइकिंग, एतिहासिक इमारतों, खान-पान और सांस्कृतिक उत्सवों के आयोजन का अनुभव मिलता है.
निवेश के बढ़ते मौके
क्वीन्सलैंड में व्यस्कों को हर हफ्ते 1,900 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से ज्यादा की सैलेरी मिलती है. साल 2023 में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए वहां इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ रहे हैं. इसके अलावा एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, बायोमेडिकल साइंस, कृषि और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों में इंटर्नशिप और रोजगार के मौके भी बढ़ रहे हैं.
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