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Aajtak Health Summit 2025: स्किन हैक्स से सावधान! डॉक्टर्स ने बताए बोटॉक्स, फेशियल और DNA ट्रीटमेंट्स का सच – Aajtak Health Summit 2025 doctors reveal the truth about Botox facials, and DNA treatments tvism


Aajtak Health Summit 2025: आजतक हेल्थ समिट 2025, वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर हो रहा है जिसमें सेहत, मोटापा, फैटी लीवर, मेंटल हेल्थ, स्किन प्रॉब्लम्स आदि विषयों पर काफी सारे एक्सपर्ट अपनी बात रख रहे हैं. इस समिट में ‘तेरे चेहरे में वो जादू है’ सेशन के दौरान डर्मेटोलॉजिस्ट और कॉस्मोलॉजिस्ट डॉ. किरण लोहिया और द फेस सेंटर के फाउंडर डॉ. ईशान सरदेसाई ने आजकल के लेटेस्ट स्किन केयर ट्रेंड के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने बताया पिछले कुछ सालों में लोगों में अपनी स्किन और लुक्स को लेकर काफी अवेयरनेस देखने मिल रही है जिसमें पुरुष में पीछे नहीं है.

डॉ. किरण ने कहा कि आज लोग दोस्तों और इन्फ्लुएंसर्स की पोस्ट देखकर तुरंत प्रभावित हो जाते हैं. वहीं डॉ. ईशान ने बताया कि यह रियल-टाइम तुलना का माहौल बनाता है और कई बार जल्दबाज़ी में लिए गए फैसलों की ओर ले जाता है.

उनका कहना है कि अब लोग सिर्फ मैग्जीन या टीवी नहीं देखते, बल्कि रियल-टाइम में दोस्तों और इन्फ्लुएंसर्स की पोस्ट देखकर तुरंत प्रभावित हो जाते हैं. इस तरह की लगातार तुलना और एक्सपोजर ने लोगों को छोटी-छोटी कमियों के लिए भी तुरंत समाधान चाहने पर मजबूर कर दिया है, जो कई बार जल्दबाजी में लिए गए फैसलों की ओर ले जाता है.

पुरुष भी ले रहे स्किन ट्रीटमेंट

डॉ. ईशान बताते हैं कि उनके क्लिनिक में महिला और पुरुष का अनुपात अब लगभग बराबर है. पहले एस्थेटिक्स सिर्फ महिलाओं तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब जेंडर-न्यूट्रल रुझान दिखाई दे रहे हैं. खासकर बाल, बॉडी और स्किन ट्रीटमेंट्स के लिए पुरुष भी आने लगे हैं. यह बताता है कि पर्सनल ग्रूमिंग अब सिर्फ महिलाओं का मामला नहीं रहा बल्कि सोसायटी और करियर की वजय से पुरुष भी इसे फॉलो कर रहे हैं. वहीं डॉ. किरण ने कहा, स्किनकेयर अब जेंडर-न्यूट्रल हो गया है और पुरुष भी अपने लुक और ग्रूमिंग को लेकर उतने ही सजग हैं.

कम उम्र के लोग भी करा रहे ट्रीटमेंट

डॉ. किरण ने कहा कि कई बार यह सोशल-प्रेशर या इन्सिक्योरिटी की वजह से होता है, ऐसे में डॉक्टर को देखना चाहिए कि असल ज़रूरत क्या है? वहीं डॉ. ईशान ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी युवक की नाक टेढ़ी है और सांस लेने में समस्या है तो राइनोप्लास्टी/सेप्टोप्लास्टी से उसे बड़ा फायदा मिल सकता है. यानी हर केस को इंडिविजुअली देखना चाहिए न कि सभी को एक जैसा ट्रीटमेंट देना चाहिए.

कौन से ट्रीटमेंट की डिमांड बढ़ी है?

आज के पॉपुलर ट्रीटमेंट्स पर डॉ. ईशान ने बताया कि माइक्रो-बोटॉक्स, PRP, एक्सोसोम्स, नॉन-इनवेसिव बॉडी स्कल्पिंग और साइंटिफिक-फेशियल्स सबसे ज्यादा डिमांड में हैं. उन्होंने कहा कि कई बार एक मरीज को अच्छे रिजल्ट के लिए कई ट्रीटमेंट्स का कॉम्बिनेशन करना पड़ता है. डॉ. किरण ने कहा कि लंच-टाइम ट्रीटमेंट्स जैसे शॉर्ट-फेशियल और क्विक लेजर बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन इन्हें सिर्फ एक्सपर्ट से ही कराना चाहिए.

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