हरियाणा के पानीपत से शिक्षा और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करने वाली और एक बेहद परेशान करने वाली घटना सामने आई है. जटल रोड स्थित एक स्कूल में बच्चों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार के दो अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. एक वीडियो में जहां दूसरी कक्षा के एक मासूम छात्र को होमवर्क न करने पर रस्सी से खिड़की से उल्टा लटकाकर पीटा गया, वहीं दूसरे वीडियो में स्कूल की प्रिंसिपल छोटे बच्चों को अन्य छात्रों के सामने बेरहमी से थप्पड़ मारती नजर आ रही हैं. स्कूल परिसर के भीतर हुई इस अमानवीय घटना ने बाल सुरक्षा कानूनों और शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है.
दूसरी कक्षा के छात्र को उल्टा लटकाया
घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू स्कूल के ड्राइवर अजय की करतूत है. मुखीजा कॉलोनी की रहने वाली डोली ने बताया कि उनके 7 वर्षीय बेटे (दूसरी कक्षा का छात्र, जिसका इसी साल एडमिशन हुआ था) का कसूर सिर्फ इतना था कि वह स्कूल का काम करके नहीं आया था. स्कूल की प्रिंसिपल ने कथित तौर पर लड़के को सबक सिखाने के लिए ड्राइवर अजय को बुलाया. अजय ने सजा देने की आड़ में हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. वह छात्र को ऊपर वाले कमरे में ले गया उसे रस्सियों से बांधा और खिड़की से उल्टा लटका दिया. इतना ही नहीं, अजय ने छात्र को थप्पड़ मारे, अपने दोस्तों को वीडियो कॉल करके पिटाई दिखाई, और इस पूरी यातना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. यह वीडियो बाद में छात्र की मां के पास पहुंचा, जिससे इस बर्बरता का खुलासा हुआ.
प्रिंसिपल ने दी सफाई
सामने आए एक अन्य वीडियो में स्कूल की प्रिंसिपल रीना खुद छोटे बच्चों के साथ मारपीट करती दिख रही हैं. वीडियो में वह एक बच्चे को आगे बुलाकर उसके कान पकड़कर जोर से थप्पड़ मारती हैं और फिर पीछे खड़े एक अन्य बच्चे को भी पीटती हैं. यह पिटाई अन्य छात्रों के सामने की गई.
प्रिंसिपल रीना ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने जिन छात्रों को पीटा था, उन्होंने दो सगी बहनों के साथ कुछ ‘बुरा बर्ताव’ किया था. प्रिंसिपल ने दावा किया कि उन्होंने बच्चों को ‘ठीक रास्ते पर लाने’ के लिए यह कदम उठाया और ऐसा करने से पहले उन्होंने बच्चों के परिवार वालों को भी सूचित कर दिया था. हालांकि, बच्चों को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने की यह कार्रवाई शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के पूर्णतः विपरीत है. यह भी आरोप लगा है कि कुछ बच्चों को सजा के तौर पर शौचालय (टॉयलेट) साफ करने के लिए भी मजबूर किया गया था.
ड्राइवर को अगस्त में ही नौकरी से निकालने का दावा
जब मां डोली ने इंस्टाग्राम पर अपने बेटे को उल्टा लटकाए जाने का भयावह वीडियो देखा तो उनके पैरों तले जमीन निकल गई. उन्होंने तुरंत अपने पति को फोन किया और परिवार स्कूल पहुंचा. प्रिंसिपल ने शुरू में इस वीडियो के बारे में ‘ज्यादा जानकारी न होने’ की बात कही, लेकिन बाद में माना कि 13 अगस्त को उनका बेटे को काम न करने के कारण ड्राइवर अजय को डांटने के लिए कहा गया था.
जब परिवार और प्रिंसिपल आरोपी ड्राइवर अजय के घर (रिफाइनरी रोड) पहुंचे, तो अजय वहां नहीं मिला. डोली ने आरोप लगाया कि अजय ने उन्हें फोन किया और उनके घर पर करीब 25 भेज दिए, जिन्होंने उनके साथ झगड़ा किया. प्रिंसिपल रीना ने बताया कि ड्राइवर का बच्चों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं था और कई शिकायतों के बाद उसे अगस्त में ही नौकरी से निकाल दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हैं.
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
पीड़ित बच्चे के परिवार ने इसके बाद मॉडल टाउन थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शिकायत के आधार पर तत्काल कार्रवाई कर आरोपी ड्राइवर अजय के खिलाफ धारा 115, 127(2), 351(2) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा 75 के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.
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