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जयशंकर के बयान का जवाब देकर फंस गया पाकिस्तान, UNGA में आतंकवाद पर ऐसे खुल गई पोल – Pakistan reaction to Jaishankar UN speech without being named admission of terrorism, says India ntcpan


न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सेशन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पाकिस्तान की जमकर क्लास लगा दी. उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखा, साथ ही आतंकवाद को पोषित करने में पाकिस्तान की भूमिका, पहलगाम हमला और टेरर फंडिंग को लेकर पड़ोसी देश की आलोचना की. जयशंकर ने बिना नाम लिए अपने संबोधन में कहा कि कुछ देशों के लिए आतंकवाद स्टेट पॉलिसी बन चुका है.

भारत पर बदनाम करने का लगाया आरोप

विदेश मंत्री जयशंकर की तीखी आलोचना से पाकिस्तान तिलमिला गया है. अपने उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत पर आतंकवाद के बारे में दुर्भावनापूर्ण आरोपों के साथ पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया, भले ही जयशंकर ने आतंकवाद के संकट के बारे में बात करते हुए अपने संबोधन में उस देश का नाम नहीं लिया था.

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पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने दावा किया कि भारत के आरोप झूठ दोहराने का जानबूझकर किया गया प्रयास है. पाकिस्तान के जवाब देने के अधिकार पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि यह बताता है कि एक पड़ोसी, जिसका नाम तक नहीं लिया गया था, ने फिर भी जवाब देने और सीमा पार आतंकवाद को लेकर अपनी लंबे वक्त से चली आ रही गतिविधि को स्वीकार करने का विकल्प चुना.

‘पाकिस्तान पूरी दुनिया के लिए खतरा’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में सेकेंड सेक्रेटरी रेन्ताला श्रीनिवास ने कहा, ‘पाकिस्तान की प्रतिष्ठा अपने आप में सब कुछ बयां करती है. आतंकवाद में उसकी छाप कई भौगोलिक क्षेत्रों में साफ़ दिखाई देती है. यह न सिर्फ अपने पड़ोसियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ख़तरा है.’ श्रीनिवास ने भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए कहा, ‘कोई भी तर्क या झूठ कभी भी आतंकवादियों के अपराधों को छुपा नहीं सकता!’

पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने फिर जवाब देने के लिए मंच संभाला, लेकिन जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि बोल रहे थे, तब श्रीनिवास हॉल से बाहर चले गए. अपने संबोधन में जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन देशों की साफ तौर पर निंदा करने का आग्रह किया था जो खुले मन से आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी मानकर चलते हैं, जहां बड़े पैमाने पर टेरर सेंटर चलाए जाते हैं और आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन किया जाता है.

‘टेररिस्ट लिस्ट में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी’

उन्होंने आतंकवाद की फंडिंग रोकने और प्रमुख आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत पर बल दिया और चेतावनी दी कि पूरे टेरर इकोसिस्टम पर लगातार दबाव डाला जाना चाहिए और जो लोग आतंकवाद के प्रायोजकों का समर्थन करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. पाकिस्तान का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भरे पड़े हैं.

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अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या को सीमा पार बर्बरता का उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया.’

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