अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच रूस और चीन ने एक बार फिर भारत से करीबी का इजहार किया है। दरअसल रूस और चीन ने सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील को ज्यादा जिम्मेदारी देने का समर्थन कर दिया है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80वीं बैठक से इतर ब्रिक्स देशों की बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, क्योंकि इन देशों की बड़ी आबादी और वैश्विक प्रभाव को ध्यान में रखा जाना जरूरी है। इसके बाद चीन ने भी इसी तरह के विचार रखते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ज्यादा समावेशिता सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
ये भी पढ़ें: Jaishankar On Tariffs: ‘जोखिम घटाना बढ़ती मजबूरी’; आर्थिक चिंता के आयाम गिनाकर विदेश मंत्री का UN से तीखा सवाल
जी-20 में दिखा था भारत-चीन व रूस में मजबूत गठजोड़
मजबूत वैश्विक भू-राजनीति के लिहाज से यह कदम इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत-चीन व रूस के बीच एक मजबूत गठजोड़ देखने को मिला था। इस दौरान पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आए थे और इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था।
ये भी पढ़ें: India-Russia Relations: दिसंबर में भारत आएंगे पुतिन, लावरोव बोले- खतरे में नहीं दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी
यूएन में प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना वक्त की मांग : भूटान
उधर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की अपील करते हुए भारत की स्थायी सदस्यता का खुला समर्थन किया है। तोबगे ने कहा कि परिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना वक्त की जरूरत है। ऐसे में भारत और जापान जैसे देशों को स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल किया जाना चाहिए।