उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर देवबंद के उलेमा कारी इसहाक गोरा ने बड़ा बयान देते हुए मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम दिया है. उन्होंने कहा कि ‘लव’ कोई अपराध नहीं है, बल्कि इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है. बरेली में हुए लाठीचार्ज की घटना को अफसोसनाक बताते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब मोहब्बत जताने पर भी सजा भुगतनी पड़ेगी?
कारी इसहाक गोरा ने कहा कि हिंदुस्तानी हमेशा से मोहब्बत के भूखे रहे हैं. अगर उनसे प्यार से बात की जाए तो वे जान देने तक को तैयार हो जाते हैं. आज देश को नफरत नहीं, बल्कि मोहब्बत और भाईचारे की सबसे ज्यादा जरूरत है. उन्होंने साफ कहा कि लव को अपराध बनाना समाज और मुल्क दोनों के लिए खतरनाक है.
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उन्होंने सहारनपुर में शुक्रवार को हुई घटना पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस युवक ने पोस्टर दिखाने की कोशिश की, उसने केवल अपनी मोहब्बत का इजहार करना चाहा था. हालांकि माहौल पहले से तनावपूर्ण था और पुलिस-प्रशासन मौजूद था, इसलिए ऐसी स्थिति में इस तरह का कदम उठाने से बचना चाहिए था.
कारी गोरा ने लोगों से अपील की कि वे अपनी मोहब्बत दिल से जाहिर करें, पोस्टर और टकराव से माहौल बिगाड़ने की जरूरत नहीं है. इस्लाम कभी हिंसा की तालीम नहीं देता, बल्कि अमन और सब्र से काम लेने की सीख देता है. उन्होंने कहा कि किसी को भी अपने हाथ, जबान या अल्फाज से तकलीफ पहुंचाना इस्लाम की तालीम के खिलाफ है.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदुस्तान हमेशा से भाईचारे और धार्मिक सम्मान की मिसाल रहा है. यहां लोग एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते आए हैं और आगे भी यही परंपरा कायम रहनी चाहिए. कारी इसहाक गोरा ने दोहराया कि “लव” को अपराध मत बनाइए, मोहब्बत ही वह रास्ता है जिस पर हिंदुस्तान की पहचान टिकी हुई है.
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