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रानी को नेशनल अवॉर्ड म‍िलने की खबर सुनकर रोने लगीं मां, एक्ट्रेस ने बताई वजह – rani mukerji national award black movie mother cried shah rukh khan tmovp


अपनी फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद रानी मुखर्जी सांतवें आसमान पर हैं. रानी मुखर्जी को बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में अपना पहला नेशनल अवॉर्ड मिला. इसके बाद एक्ट्रेस ने मुंबई में हुए इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में शिरकत की. यहां एक्ट्रेस ने नेशनल अवॉर्ड जीतने, अपने करियर, सिनेमा में आए बदलाव, पति आदित्य चोपड़ा और पिता राम मुखर्जी के बारे में बात की.

शाहरुख संग नेशनल अवॉर्ड मिलना था खास 

1996 में रानी मुखर्जी का करियर शुरू हुआ था. 2025 में उन्होंने अपना पहला नेशनल अवॉर्ड जीता. इवेंट में रानी से पूछा गया कि ये अवॉर्ड लगभग 30 सालों बाद मिलना उनके लिए क्या मायने रखता है. रानी ने बताया, ‘मुझे लगता है कि अवॉर्ड का मतलब मेरे फैंस, शुभचिंतकों, दोस्तों और परिवार के लिए बहुत है. मैंने ये अवॉर्ड पहली बार जीत है. मैं असली में एक घोड़े की तरह रही, चश्मा लगाकर. मेरा फोकस हमेशा मेहनत करने, अपनी कला में बेस्ट करने, अपनी ऑडियंस को निराश न करने में था. क्योंकि एक फिल्म की सफलता हमारे हाथ में नहीं होती. हम फिल्म करते हैं और फिर ऑडियंस की मर्जी होती है कि उन्हें फिल्म पसंद आ रही है या नहीं आ रही. और यही मैंने पिछले 30 सालों में किया है. ये स्पेशल लग रहा है क्योंकि शाहरुख और मैंने इसे साथ में जीता है.’

रानी मुखर्जी से पूछा गया कि क्या उन्होंने सोचा था कि ये नेशनल अवॉर्ड उन्हें कभी मिलेगा या फिर कभी नहीं मिलेगा. रानी ने कहा, ‘मैंने हमेशा श्रद्धा और सबूरी में विश्वास किया हूं, जिसका मतलब है विश्वास और धैर्य. यही मैंने हमेशा अपने साथ रखा है. मुझे जो मिलता है, मैं उसकी आभारी हूं. जो नहीं मिलता, उसके लिए भी आभारी हूं.’

फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ का जिक्र होने पर रानी मुखर्जी ने करण जौहर का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ‘भगवान का शुक्र है कि ये फिल्म बनी. मैं करण जौहर की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने फिल्म में टीना का किरदार मुझे दिया. ये किरदार मेरे साथ 30 सालों से जुड़ा हुआ है. लोग शाहरुख और मेरे अवॉर्ड जीतने पर कह रहे हैं कि ये हमारे राहुल और टीना की जीत है. तो ये मुझे बताता है कि जनता ने इन किरदारों को इतना पसंद किया है कि उनके मन से ये अभी तक निकले नहीं हैं. ये बहुत ही स्वीट बात है.’

अवॉर्ड की खबर सुन रोने लगी थीं रानी की मां 

साल 2005 में संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ब्लैक’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म में रानी मुखर्जी ने एक अंधी-गूंगी लड़की के रोल में बेहतरीन काम किया था. एक्ट्रेस से पूछा गया कि क्या उन्हें लगा था कि ‘ब्लैक’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिलना चाहिए था. एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैंने अपनी पूरी जान ब्लैक में लगा दिया था. मैं जब ब्लैक की थी मैं 25 साल की थी. कहा जा रहा था कि मैं जीतूंगी, लेकिन जब मैं नहीं जीती तो मैंने खुद को चीजों से दूर करके काम पर फोकस कर लिया था. मैंने सोचा कि ठीक है, भले ही आप अपना बेस्ट काम करें, फिर भी आपके हक में चीजें नहीं होती हैं. मैंने सोचा कि ज्यादा निराश मत हो, मेहनत करती रहो. शायद तुम्हें बेहतर करने की जरूरत है. और मैं यही करती रही.’

रानी मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता राम मुखर्जी, एक्ट्रेस को फिल्म ‘ब्लैक’ के लिए नेशनल अवॉर्ड न मिलने पर नाराज थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे बाबा का दिल टूट गया था जब उस साल मैं नहीं जीती. और संजय (भंसाली) भी निराश थे. वो उस फिल्म के डायरेक्टर थे. लेकिन मुझे लगता है कि जब चीजों को होना होता है वो होती हैं. आज जब मैंने स्टेज पर आकर अपना अवॉर्ड लिया, तब मेरे फैंस ने जिस तरह मेरे लिए चियर किया. कुछ भी उससे स्वीट नहीं हो सकता है.’

रानी मुखर्जी ने बताया कि जब उन्हें नेशनल अवॉर्ड जीतने के बारे में पता चला जब उन्होंने पिता के बारे में सोचा था. उन्होंने कहा, ‘जिस दिन मुझे नेशनल अवॉर्ड जीतने के बारे में पता चल मैं उस कमरे में थी, जिसमें उनका निधन हुआ था. मैं पूजा कर रही थी. वो मेरे दिमाग में बहुत स्ट्रॉन्गली थे उस दिन. मैंने पूजा की और मैं कुर्सी पर बैठी. मेरी मां मेरे साथ थीं. मैंने फोन उठाया और मुझे खबर मिली. मैंने अपनी मां को बताया कि मैंने नेशनल अवॉर्ड जीत लिया है और वो फूट-फूटकर रोने लगीं. क्योंकि वो भी पापा की मौजूदगी को उस दिन महसूस कर रही थीं. ये बहुत खूबसूरत पल था क्योंकि उस पूरा दिन मेरे पिता मेरे साथ थे. नेशनल अवॉर्ड की खबर ऐसी लगी जैसे पापा ने ये करवाया है. तो हां, मैंने अपने पिता को मिस किया था.’

 

—- समाप्त —-