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बिहार में धर्मेंद्र, बंगाल में भूपेंद्र और तमिलनाडु में बैजयंत पांडा… समझें- चुनाव प्रभारी नियुक्तियों के पीछे बीजेपी की रणनीति क्या – bjp election in charges bihar bengal tamil nadu ntc


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार में संगठनात्मक नियुक्तियों की घोषणा की है. ये नियुक्तियां तुरंत प्रभाव से लागू होंगी और इनका उद्देश्य इन राजनीतिक रूप से अहम राज्यों में पार्टी की चुनावी मशीनरी को मजबूत करना है.

दरअसल, बीजेपी अक्सर विभिन्न राज्यों में इन-चार्ज की नियुक्तियों में बदलाव करती है. इसका कारण यह है कि पार्टी मानती है कि किसी राज्य में बाहरी नेतृत्व या नया दृष्टिकोण लाना आवश्यक हो सकता है, या वहां वोट में बदलाव की संभावना अधिक हो तो बाहरी इन-चार्ज लाने से नई रणनीति बनाई जा सकती है और स्थानीय गुटबाजियों का असर कम होता है.

बिहार विधानसभा चुनाव

बिहार के लिए भाजपा ने एक सशक्त वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाई है, जो चुनावी रणनीति संचालित करेगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का राज्य चुनाव इन-चार्ज नियुक्त किया गया है.

प्रधान एक अनुभवी रणनीतिकार हैं, जिन्होंने पहले ओडिशा में पार्टी की मजबूत पैठ बनाने और चुनावी सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा, हरियाणा में उन्होंने किसानों के विरोध और एंटी-इंकरबेंसी माहौल के बीच पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में सफलता हासिल की.

प्रधान के साथ बिहार के लिए दो सह-इंचार्ज भी नियुक्त किए गए हैं:

सी.आर. पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गुजरात के वरिष्ठ नेता. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है. पाटिल को पार्टी में कुशल संगठनकर्ता माना जाता है जो केंद्रीय नेतृत्व के साथ सामंजस्य बनाए रखने में सक्षम हैं.

केशव प्रसाद मौर्य, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख ओबीसी चेहरे. मौर्य का जमीनी संपर्क और व्यापक पैमाने पर जनसंपर्क क्षमता उन्हें बिहार में चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बनाती है. उनकी नियुक्ति बिहार में ओबीसी समर्थन को मजबूत करने और भाजपा के सामाजिक समावेशिता संदेश को फैलाने के लिए रणनीतिक कदम मानी जा रही है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव

पश्चिम बंगाल के चुनावों के लिए भूपेंद्र यादव को राज्य चुनाव इन-चार्ज और बिप्लब कुमार देब को सह-इंचार्ज नियुक्त किया गया है.

भूपेंद्र यादव, जो वर्तमान में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं, पार्टी के भरोसेमंद रणनीतिकार हैं. उन्होंने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां बीजेपी एनडीए गठबंधन के भीतर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. यादव को राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे चुनौतीपूर्ण राज्यों में पार्टी की रणनीति बनाने और जमीन पर मशीनरी मजबूत करने के लिए नियुक्त किया गया.

बिप्लब कुमार देब, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी के इन-चार्ज के रूप में काम कर चुके हैं. उनकी अनुभव और नेतृत्व क्षमता का लाभ पश्चिम बंगाल में सह-इंचार्ज के रूप में लिया जाएगा. हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद देब को नई दिल्ली के हाई-प्रोफाइल संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी, जहां उनके रणनीतिक कदमों ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई.

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बैजयंत पांडा को राज्य चुनाव इन-चार्ज और मुरलीधर मोहोल को सह-इंचार्ज नियुक्त किया है.

बैजयंत पांडा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद, पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम विधानसभा चुनावों में इन-चार्ज रह चुके हैं. उनका संगठनात्मक कौशल पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. पांडा की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि भाजपा दक्षिण में अपनी पैठ बढ़ाने और तमिलनाडु में महत्वपूर्ण राजनीतिक स्थान हासिल करने के लिए गंभीर है.

मुरलीधर मोहोल, महाराष्ट्र (पुणे) से हैं और बाहरी सह-इंचार्ज के रूप में नियुक्त किए गए हैं. मोहोल का प्रशासनिक अनुभव (पूर्व मेयर, पुणे) और उभरता राजनीतिक चेहरा उन्हें अभियान की ऑपरेशनल मजबूती देने में मदद करेगा. उनकी नियुक्ति रणनीतिक रूप से बाहरी दृष्टिकोण और स्थानीय परस्पर विरोधी गुटों के संतुलन को सुनिश्चित करेगी.

इस तरह, बीजेपी ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी नेतृत्व को कुशल, रणनीतिक और स्थानीय व बाहरी दृष्टिकोण के संतुलन के आधार पर तैयार किया है. यह स्पष्ट संकेत है कि पार्टी इन राज्यों में अपनी चुनावी संभावनाओं को अधिकतम करने और विधानसभा चुनावों में सफलता सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक दृष्टि अपनाने में गंभीर है.

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