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Hydrogen Is The Fuel Of The Future, Union Minister Puri Said Will Produce Five Million Tonnes By 2030 – Amar Ujala Hindi News Live – Hydrogen:’हाइड्रोजन है भविष्य का ईंधन’, केंद्रीय मंत्री पुरी बोले


केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाइड्रोजन की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन न केवल भविष्य का ईंधन है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। 

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भारत का हाइड्रोजन उत्पादन लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री पुरी ने याद दिलाया कि भारत का लक्ष्य 2030 तक सालाना 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इसे एक मजबूत नीतिगत ढांचे और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 19,700 करोड़ रुपये का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर इलेक्ट्रोलाइजर निर्माता यहां आ रहा है क्योंकि उन्हें इसमें संभावनाएं दिख रही हैं।

जैव ईंधन सम्मिश्रण में भारत की उपलब्धि

जैव ईंधन सम्मिश्रण को अपनाने की उपलब्धि के बारे में बात करते हुए पुरी ने कहा कि हमने 2020 तक 10 प्रतिशत जैव ईंधन सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा था। और हमने इसे पांच महीने पहले ही हासिल कर लिया। फिर हमने अपने लिए, 2020 नहीं, बल्कि मुझे लगता है कि 2022 का लक्ष्य रखा। फिर हमने 20 प्रतिशत का लक्ष्य रखा, मुझे लगता है कि 2030 तक। पहला लक्ष्य हमने पांच महीने पहले ही हासिल कर लिया। अगला लक्ष्य हमने छह साल पहले ही हासिल कर लिया।

हाइड्रोजन उत्पादन की लागत कम करने के प्रयास

पानीपत में इंडियन ऑयल के हरित हाइड्रोजन संयंत्र और विशाखापत्तनम में टोक्यो एनर्जी की प्रतिस्पर्धी बोलियों जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए, मंत्री ने बताया कि कैसे भारत की हाइड्रोजन उत्पादन लागत लगातार कम हो रही है, जो बढ़ते निवेशक विश्वास और प्रौद्योगिकी परिपक्वता का संकेत है।

हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य

उन्होंने भारतीय सौर ऊर्जा निगम की हरित अमोनिया निविदाओं की ओर भी इशारा किया। मंत्री ने हरित अमोनिया को प्राकृतिक गैस की तुलना में इसके संभार-तंत्रीय लाभों को देखते हुए “निर्यात का एक महत्वपूर्ण अवसर” बताया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी 2023 को 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। मिशन का व्यापक उद्देश्य 2030 तक पांच एमएमटी प्रतिवर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखते हुए भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है।