0

प्रशांत किशोर की हिट लिस्ट में आए इन 10 नेताओं का कितना खेल बिगड़ेगा – prashant kishor targets modi nitish and bihar leaders corruption opnm1


प्रशांत किशोर चाहते हैं कि बिहार में बदलाव की बयार बहे. जन सुराज मुहिम का पहला मकसद तो यही है, मंजिल अलग हो सकती है. 2022 में शुरू हुई मुहिम अब राजनीतिक दल जन सुराज पार्टी में तब्दील हो चुकी है. शुरुआती दौर से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उनके निशाने पर सबसे आगे रहे हैं. 

बिहार बदलाव यात्रा शुरू करते वक्त प्रशांत किशोर ने कहा था, जो लोग उलट-पुलट करके पिछले 35 साल से सत्ता पर काबिज रहे, उनसे मुक्ति दिलाना है… बिहार की जनता जिसे भी चुने, लेकिन बदलाव जरूरी है… जेपी ने बदलाव के लिए क्रांति की शुरुआत की थी… देश में बदलाव हुआ, लेकिन बिहार वहीं रह गया.

‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार हैं,’ ये नारा भी प्रशांत किशोर का ही दिया हुआ है. लेकिन, अब वो चाहते हैं कि नीतीश कुमार को आराम करना चाहिए. क्योंकि, उनकी तबीयत ठीक नहीं है. लगे हाथ वो ये भी बताना नहीं भूलते कि नीतीश कुमार ईमानदार नेता हैं. लेकिन, उनके ज्यादातर मंत्री भ्रष्ट हैं, ये आरोप भी जोर शोर से लगा रहे हैं.  

अब तो प्रशांत किशोर ऐसे दावे भी करने लगे हैं, अक्सर ‘ चाल , चरित्र और चेहरा’ की बात करने वाले बीजेपी और एनडीए के कुछ नेता काफी भ्रष्ट हैं. कहते हैं, हमने एनडीए के कुछ नेताओं पर शोध किया और पाया कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर लालू प्रसाद के शासनकाल से कई गुना ज्यादा है.

जिस तरह के आरोप प्रशांत किशोर लगा रहे हैं, बैकफायर होना भी स्वाभाविक है. अपने बचाव के लिए भी उनके पास तर्क हैं, मेरे फंडिंग के स्रोत पूरी तरह स्पष्ट हैं… बीजेपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की भी जरूरत नहीं है… बिहार और दिल्ली में उनकी अपनी सरकारें हैं… मैं कहीं छिपा नहीं हूं… वे मेरे पीछे प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई भी लगा सकते हैं… अगर मैंने कुछ भी गलत किया है, तो वे मुझे गिरफ्तार करा सकते हैं.

1. तेजस्वी यादव

बिहार में जन सुराज अभियान में तेजस्वी यादव को प्रशांत किशोर लगातार ‘नौवीं फेल’ कहते रहे. तेजस्वी यादव की सेहत पर कोई खास फर्क पड़े न पड़े, प्रशांत किशोर लोगों को ये समझाने में तो सफल रहे ही कि शिक्षा की कितनी अहमियत है. और, लोगों को अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. 

तेजस्वी यादव ने ऐसे आरोपों से ये कहते हुए बचाव किया है कि चूंकि वो क्रिकेटर बनना चाहते थे, इसलिए पढ़ाई पर जोर नहीं रहा. और, इसके लिए वो सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हैं. लेकिन, प्रशांत किशोर की अलग दलील है, तेजस्वी यादव को जब नौवीं फेल बताता हूं, तो मकसद होता है कि मैं ये बताऊं कि उनमें सीखने की इच्छा नहीं है… जिसके माता-पिता दोनों मुख्यमंत्री रहे, वो नौवीं पास नहीं कर पाया.

तेजस्वी यादव ऐसी बातों की परवाह किए बगैर बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. बस एक ही मुश्किल है, आरजेडी की गठबंधन साथी कांग्रेस की तरफ से अब तक उनके विपक्ष के मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर मंजूरी नहीं मिल सकी है. 

2. नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री होने के कारण नीतीश कुमार भी तेजस्वी यादव के बराबर ही प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे हैं. 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने में मददगार रहे, प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. जेडीयू से निकाल दिए जाने के बाद से वो नीतीश कुमार से खासे खफा रहते हैं. 

हाल फिलहाल प्रशांत किशोर बिहार सरकार के कई मंत्री प्रशांत किशोर के निशाने पर हैं. एनडीए नेताओं भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर कहते हैं, मैं आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में विश्वास नहीं करता, लेकिन बिहार के अपने दौरे में मुझे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं… ये आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है, लेकिन मैं साफ कर दूं कि नीतीश कुमार ईमानदार हैं… उनके आस-पास के कुछ लोगों ने ही एक तरह की अराजकता फैला रखी है, जबकि नीतीश की सेहत ठीक नहीं है.

नीतीश कुमार की पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह से तुलना करते हुए प्रशांत किशोर कहते हैं, ये वैसा ही है जैसे मनमोहन सिंह एक ईमानदार प्रधानमंत्री रहे, लेकिन कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे.

3. राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे हैं. बीजेपी की तरह वो भी राहुल गांधी पर चुनावी मौसम में तफरीह पर बिहार जाने की बात करते रहे हैं. राहुल गांधी की कांग्रेस को वो लालू यादव की आरजेडी का पिछलग्गू बता चुके हैं, जिसे वोटर अधिकार यात्रा में कांग्रेस नेता ने अपने प्रदर्शन से झुठला दिया. 

लिहाजा प्रशांत किशोर के पास नया सवाल होता है, राहुल गांधी कुछ जिलों में घूम-घूम कर और वोट चोरी की बात करके क्या हासिल करना चाहते हैं? उनको संसद का घेराव करना चाहिए… और दिल्ली में चुनाव आयोग के सामने धरना देना चाहिए.

प्रशांत किशोर के तानों की वजह से ही सही, लेकिन राहुल गांधी ने लगता है बिहार में पूरी ताकत झोंक दी है. पूरे परिवार और पार्टी के साथ राहुल गांधी पटना में जा डटे हैं, जहां कांग्रेस कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक हो रही है. कहा तो ये जा रहा है कि वो तेलंगाना की तरह बिहार में तैयारी कर रहे हैं. सवाल है कि बिहार और तेलंगाना की राजनीति में कोई तुलना है क्या?

4. नरेंद्र मोदी

राहुल गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी प्रशांत किशोर को जबरदस्त शिकायत है. सवाल वही है, बिहार से मतलब ही क्या है. बिहार के लिए किया ही क्या है?

तंज भरे लहजे में कहते हैं, गुजरात को गिफ्ट सिटी, एक सोलर पार्क और एक बुलेट ट्रेन मिली… दूसरी ओर, बिहार को श्रमिक ट्रेनें मिलीं… जब प्रधानमंत्री बिहार और गुजरात दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो ये स्पष्ट असमानता क्यों है? 

प्रशांत किशोर ये सवाल भी उठा चुके हैं कि बिहार को ट्रेनें इसलिए दी जाती हैं ताकि वे उसमें बैठकर गुजरात पहुंचें, और वहां मजदूरी करें. प्रशांत किशोर का चुनावी वादा है कि अगर बिहार में जन सुराज पार्टी की सरकार बनी, तो छठ पर घर आए युवाओं को काम के लिए लौट कर बाहर काम पर नहीं जाना पड़ेगा. 

5. अमित शाह

प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार में वोट चोरी और घुसपैठिया दोनों चुनावी मुद्दा नहीं हैं. वो बताना चाहते हैं कि ये कांग्रेस और बीजेपी का एजेंडा है. कहने को तो नीतीश कुमार कह चुके हैं कि अमित शाह के कहने पर ही वो प्रशांत किशोर को जेडीयू में लिए थे, लेकिन अमित शाह से उनकी अदावत पुरानी लगती है. 

बिहार में घुसपैठियों की तादाद बढ़ने के बीजेपी के दावे पर प्रशांत किशोर के निशाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहज तौर पर आ जाते हैं, ऐसा है तो इसके लिए दोषी खुद मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं… बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है… मोदी जी की केंद्र में 2014 से सरकार है. बॉर्डर का नियंत्रण उनके पास है.

6. अशोक चौधरी

बिहार सरकार के जो मंत्री प्रशांत किशोर के निशाने पर हैं, उनमें अशोक चौधरी भी हैं. अशोक चौधरी बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी बताए जाते हैं. प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर दो साल के भीतर भ्रष्टाचार करके 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने का आरोप लगाया है. प्रशांत किशोर के आरोपों के दायरे में अशोक चौधरी की सांसद बेटी शांभवी चौधरी भी हैं. 

अशोक चौधरी और शांभवी चौधरी ने आरोपों का खंडन तो जोरदार ढंग से किया है, लेकिन वो बुरी तरह घिरा हुआ भी महसूस कर रहे हैं. अशोक चौधरी ने भी प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है. 

7. सम्राट चौधरी

अशोक चौधरी की ही तरह प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को भी घेरा है. उन पर उम्र छिपाने, जेल जाने और आपराधिक पृष्ठभूमि का होने का इल्जाम लगाया है. प्रशांत किशोर का कहना है कि वो कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की हत्या के आरोपी रहे हैं, और जेल भी जा चुके हैं. 

सम्राट चौधरी पर प्रशांत किशोर का आरोप है कि वो नकली आयु प्रमाण पत्र बनाकर, और खुद को नाबालिग घोषित कर 6 महीने में जेल से आ गए. प्रशांत किशोर का दावा है कि पहले उनका नाम राकेश कुमार था, जो बाद में राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी हो गया. कहते हैं, बिहार बोर्ड के मुताबिक, वो मैट्रिक में फेल हो गए थे, और 2010 में खुद को 7वीं पास बताया था. 

8. दिलीप जायसवाल

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर प्रशांत किशोर ने एक मामूली क्लर्क से कॉलेज के मालिक बन जाने का आरोप लगाया है. जुलाई, 2025 में प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि दिलीप जायसवाल ने पिछले 25 साल से किशनगंज में एक मेडिकल कॉलेज पर अवैध कब्जा कर रखा है. उनका कहना था, ये सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि बिहार में कानून व्यवस्था और राजनीतिक गठजोड़ का मामला है. 

आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अशोक चौधरी की ही तरह दिलीप जायसवाल ने प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा है. प्रशांत किशोर ने दिलीप जायसवाल के मामले में बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय को भी लपेटा है. कहते हैं, मैंने बीजेपी नेता और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से ये भी पूछा कि दिलीप जायसवाल ने किशनगंज मेडिकल कॉलेज को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा कैसे दिलाया.

9. मंगल पांडेय

प्रशांत किशोर के निशाने पर आए मंगल पांडेय, बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं. हाल ही में प्रशांत किशोर ने दावा किया कि मंगल पांडेय की पत्नी के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में 2019 और 2020 में 2.12 करोड़ रुपये जमा हुए.
प्रशांत किशोर अब पूछ रहे हैं कि मंगल पांडेय की पत्नी के अकाउंट में ये पैसा कहां से आया, और पैसे को घोषित क्यों नहीं किया गया?

10. चिराग पासवान

अव्वल तो प्रशांत किशोर और चिराग पासवान एक दूसरे की सार्वजनिक तौर पर काफी तारीफ करते हैं, लेकिन वाया अशोक चौधरी उनको भी लपेटे में ले लिया है. प्रशांत किशोर का कहना है कि चिराग पासवान युवा हैं, जाति की बातें नहीं करते. इसलिए बिहार को चिराग पासवान जैसे नेता की जरूरत है. 

लेकिन, अशोक चौधरी को घेरने के चक्कर में प्रशांत किशोर उनको भी नहीं छोड़ते. प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर पैसे देकर बेटी शांभवी चौधरी को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास से टिकट दिलाने का आरोप लगाया है – फिर तो प्रशांत किशोर के आरोपों के दायरे में चिराग पासवान भी आ ही जाते हैं. 

—- समाप्त —-