यूपी के इटावा में नवरात्रि के अवसर पर आयोजित एक डांडिया कार्यक्रम में मुस्लिम डांसर की वजह से हंगामा हो गया. विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस नेताओं के दखल पर मुस्लिम कलाकार को डांडिया से बाहर कर दिया गया. इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच डांडिया का आयोजन हुआ, लेकिन मुख्य गेट पर लगे ‘विधर्मी’ के प्रतिबंध वाले पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं.
डांडिया कार्यक्रम इटावा के कोतवाली इलाके में स्थित एक निजी समारोह स्थल में हुआ, जिसमें मुख्य गेट पर दो ऐसे पोस्टर लगाए गए जिसमें साफ-साफ लिखा है- ‘डांडिया कार्यक्रम में किसी भी विधर्मी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित है.’
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इस डांडिया कार्यक्रम के संयोजक हरि प्रकाश शुक्ला एडवोकेट बताते हैं कि उनके बेटे की ओर से नवरात्रि के अवसर पर डांडिया कार्यक्रम का आयोजन कराया गया. जिसमें मुस्लिम कलाकार डांसर के होने के कारण विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस की ओर से आपत्ति उठाई गई. फिर पुलिस ने मुस्लिम कलाकार को डांडिया कार्यक्रम से बाहर करवा दिया. आखिर में कार्यक्रम पुलिस की निगरानी में कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न कराया गया.
वहीं, डांडिया कार्यक्रम के प्रबंधक पारस शुक्ला का कहना है कि पुलिस की कड़ी निगरानी में पूरा कार्यक्रम संपन्न हुआ, रही बात किसी ‘विधर्मी’ के प्रवेश के प्रतिबंध की तो यह सब पुलिस की व्यवस्था के चलते किया गया है.
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बता दें कि इटावा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति गुप्ता ने डांडिया कार्यक्रम का शुभारंभ किया था. कार्यक्रम में शामिल सभी महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी गईं. बेशक डांडिया कार्यक्रम का सफल आयोजन हो गया हो लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम स्थल के मुख्य गेट में लगाए गए पोस्टर में ‘विधर्मी’ शब्द का इस्तेमाल एक धर्म विशेष के लिए किया गया, उससे विवाद खड़ा हो गया है.
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