कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने फिलिस्तीन मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों की कड़े शब्दों में आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया मानवता और नैतिकता की उपेक्षा से भरी हुई है.
सोनिया गांधी ने यह बात गुरुवार को एक अखबार में प्रकाशित अपने लेख में कही. उन्होंने कहा कि सरकार के कदम देश के संवैधानिक मूल्यों या रणनीतिक हितों के बजाय मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के बीच व्यक्तिगत दोस्ती से प्रेरित प्रतीत लगते हैं.
सोनिया गांधी ने कहा कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत को नेतृत्व दिखाने की जरूरत है. सरकार की प्रतिक्रिया में गहरी चुप्पी और मानवता और नैतिकता दोनों का परित्याग शामिल है.
उन्होंने आगे लिखा, यह व्यक्तिगत कूटनीति कभी भी स्थायी नहीं हो सकती और भारत की विदेश नीति का मार्गदर्शक सिद्धांत नहीं बन सकती. इस शैली के प्रयास विशेष रूप से अमेरिका में हाल के महीनों में सबसे अपमानजनक तरीके से विफल हुए हैं.
सोनिया गांधी की इस टिप्पणी ने मोदी सरकार की फिलिस्तीन पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कूटनीति की भूमिका पर नई चर्चा को जन्म दे दिया है. कांग्रेस का कहना है कि भारत को इस मुद्दे पर वैश्विक नेतृत्व दिखाना चाहिए और सिर्फ व्यक्तिगत रिश्तों के आधार पर विदेश नीति तय नहीं करनी चाहिए.
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