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नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए सीएम योगी का प्लान, जारी किया हेल्पलाइन नंबर, इन 4 जिलों में हाई अलर्ट – CM Yogi plan for Indians stranded in Nepal helpline number high alert in up 4 districts lclg


नेपाल में दो दिनों से हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी काठमांडू से लेकर छोटे कस्बों तक Gen-Z आंदोलनकारियों का विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है. पथराव, आगजनी से शुरू हुआ ये बवाल अब बढ़ता ही जा रहा है. नेपाल की इस अस्थिरता का असर अब खासकर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों तक भी महसूस किया जाने लगा है.

नेपाल सीमा से सटे बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर और महाराजगंज को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया है. व्यापार, पढ़ाई और रोजमर्रा की आवाजाही के कारण नेपाल से लगे जिले हमेशा से संवेदनशील रहे हैं. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा को कड़ा कर दिया है

योगी सरकार की सख्त तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण को निर्देश दिया कि नेपाल से सटी पूरी सीमा पर 24 घंटे पुलिस अलर्ट पर रहे. आदेश मिलते ही सभी संबंधित जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. गश्त बढ़ा दी गई है, सीमा चौकियों को और मजबूत किया गया है और सुरक्षा एजेंसियों को हर छोटी-बड़ी सूचना पर सतर्क रहने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों को विशेष रूप से यह हिदायत दी गई है कि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने में देरी न हो. इसके लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को सक्रिय कर दिया गया है. इसके अलावा ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके.

नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए मदद का इंतजाम

नेपाल में जारी उथल-पुथल की वजह से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंस गए हैं. इनमें व्यापारी, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक शामिल हैं. इनकी सुरक्षा और वापसी के लिए यूपी पुलिस मुख्यालय लखनऊ में एक विशेष नियंत्रण कक्ष (Control Room) बनाया गया है. यह कंट्रोल रूम अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) की देखरेख में काम करेगा और 24×7 सक्रिय रहेगा. हेल्पलाइन नंबर और व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं, जिन पर फंसे नागरिक सीधे संपर्क कर सकते हैं.

हेल्पलाइन नंबर जारी हुए:

0522-2390257

0522-2724010

9454401674

WhatsApp नंबर: 9454401674

इन नंबरों पर आने वाली कॉल्स को हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित टीम लगाई गई है, जो तुरंत संबंधित विभागों से संपर्क कर मदद पहुंचाएगी. अधिकारियों ने कहा है कि नेपाल में मौजूद भारतीयों को किसी भी हाल में असहाय नहीं छोड़ा जाएगा.

सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी

नेपाल में हालात बदलते ही अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया है. गलत सूचनाओं से माहौल बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया इकाई को सख्त निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नेपाल से जुड़ी किसी भी संवेदनशील सूचना या पोस्ट पर लगातार नजर रखी जाए. अगर कोई भ्रामक पोस्ट या अफवाह सामने आती है तो तुरंत कार्रवाई की जाए. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

नेपाल की स्थिति और बढ़ती चिंता

नेपाल में सोमवार तक आंदोलन का चेहरा छात्रों और युवाओं का था, जो सोशल मीडिया बैन का विरोध कर रहे थे. लेकिन मंगलवार को स्थिति ने अचानक करवट बदली. हथियारबंद लोग भीड़ में शामिल हो गए और विरोध हिंसा में बदल गया. इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह टकराव हुआ. विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल की यह अस्थिरता लंबे समय तक बनी रह सकती है, क्योंकि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव अब खुला संघर्ष बन चुका है. ऐसे में भारत के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है, क्योंकि दोनों देशों की खुली सीमाएं सुरक्षा के लिहाज से चुनौती बन सकती हैं.

मुख्यमंत्री योगी की सख्त निगरानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीमावर्ती जिलों में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कहा गया है कि नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की हर संभव मदद की जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सीमा पर आवागमन को नियंत्रित किया जाए और जरूरत पड़ने पर अस्थायी तौर पर आवाजाही बंद कर दी जाए. यही कारण है कि कई जगह स्थानीय प्रशासन ने बॉर्डर पर चेकिंग सख्त कर दी है और संदिग्ध लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है.

नागरिकों के लिए संदेश

पुलिस और प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक हेल्पलाइन या प्रशासनिक चैनल से मिली जानकारी पर भरोसा करें. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों से कहा गया है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.

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