दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में छात्राओं से छेड़खानी और यौन उत्पीड़न का मामला बढ़ता ही जा रहा है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे 62 साल के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ स्वामी पार्थसारथी के करतूतों की पोल खुलती जा रही है. आरोप है कि उसने न केवल 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया बल्कि इसके लिए उसने संस्थान में एक ‘लेडी गैंग’ भी बना रखा था. ये महिलाएं छात्राओं को उकसातीं, मजबूर करतीं और यहां तक कि बाबा के भेजे गए अश्लील संदेश डिलीट करवाने का काम भी करती थीं.
वार्डनों का चौंकाने वाला रोल
पुलिस के अनुसार स्वामी की इस लेडी गैंग में संस्थान की तीन महिला वार्डन शामिल थी. जिन्हें नोटिस देकर पूछताछ की गई और उनके बयान आरोपी के तौर पर दर्ज किए गए. एफआईआर में ये तीनों सह-अभियुक्त हैं. छात्राओं ने बताया कि ये वार्डन न केवल उन्हें बाबा के पास भेजती थीं, बल्कि मोबाइल से आपत्तिजनक चैट और मैसेज भी जबरन डिलीट कराती थीं. कई बार लड़कियों पर दबाव डालने के लिए इन्हीं महिलाओं का इस्तेमाल किया जाता था.
पीड़िताओं के बयान में साफ कहा गया कि संस्थान में काम करने वाली महिला फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारी छात्राओं को आरोपी की मांगें मानने के लिए उकसातीं. जो छात्राएं विरोध करतीं, उन्हें फेल करने या स्कॉलरशिप रोकने की धमकी दी जाती.
एंटीसिपेटरी बेल और पुलिस का दबाव
चैतन्यानंद पर जब गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया और एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन किया. लेकिन पुलिस की तरफ से जब मज़बूत जवाब दाखिल किया गया तो उसने बेल अर्जी वापस ले ली. कानूनी शिकंजा कसने का डर उसके चेहरे पर साफ झलकने लगा था.
गरीब छात्राओं को निशाना
पुलिस सूत्रों की मानें तो स्वामी का शिकार अक्सर वही छात्राएं बनतीं, जिन्हें ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे से दाखिला मिला था. इन छात्राओं के सामने आर्थिक मजबूरियां थीं, और बाबा इन्हीं हालात का फायदा उठाता. पीड़िताओं ने बयान में बताया कि स्वामी उन्हें विदेश यात्रा का लालच देता, लेकिन न मानने पर फेल करने की धमकी देता.
संस्थान और पीठ का नाम इस्तेमाल
श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट, वसंत कुंज जहां बाबा अपनी करतूतें करता रहा. यह संस्थान कर्नाटक के श्रींगेरी स्थित शंकराचार्य पीठ से जुड़ा हुआ बताया जाता था. हालांकि जैसे ही मामला तूल पकड़ता गया, पीठ ने सार्वजनिक बयान जारी कर स्वामी से दूरी बना ली और साफ कर दिया कि उसका इन गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है.
वॉल्वो कार और नकली डिप्लोमैटिक नंबर
पुलिस जांच में एक और हैरान करने वाला खुलासा हुआ. संस्थान के बेसमेंट से वॉल्वो कार बरामद हुई, जिस पर नकली राजनयिक नंबर प्लेट 39 UN 1 लगी थी. इस पर भी मामला दर्ज हुआ. 25 अगस्त को पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर कीं — एक यौन उत्पीड़न और दूसरी नकली नंबर प्लेट के मामले में.
धाराएं और गंभीर आरोप
वसंत कुंज नॉर्थ थाने में यह केस भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), धारा 79 (किसी महिला की शीलभंग का प्रयास) और धारा 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज हुआ. इसमें चैतन्यानंद और उसकी ‘लेडी गैंग’ तीनों वार्डनों को आरोपी बनाया गया.
पहले भी विवादों में रहा स्वामी
यह पहला मौका नहीं है जब स्वामी पर गंभीर आरोप लगे हों. पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि 2009 में डिफेंस कॉलोनी थाने में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ था. 2016 में वसंत कुंज थाने में भी उसके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की गई.
छात्राओं के बयान से खुलासा
जांच में अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें 17 छात्राओं ने मजिस्ट्रेट के सामने स्पष्ट तौर पर कहा कि बाबा गालियां देता, अश्लील मैसेज भेजता और अनुचित हरकतों की कोशिश करता था. यही नहीं, छात्राओं ने बताया कि संस्थान की तीन महिला वार्डन उन्हें जबरन बाबा के कमरे तक ले जातीं.
फरारी और पुलिस की तलाश
एफआईआर दर्ज होने के बाद से चैतन्यानंद फरार है. दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई हैं और एयरपोर्ट्स पर कड़ी निगरानी रखी गई है. सूत्रों का कहना है कि उसकी अंतिम लोकेशन आगरा में मिली थी, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार ठिकाने बदल रहा है. सूत्र बताते हैं कि वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बचता है ताकि ट्रैक न हो सके. सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड़ की भी जानकारी मिली है. पुलिस ने संस्थान से बरामद डीवीआर और हार्ड डिस्क फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजी हैं.
किताबों के सहारे बनाई पहचान
चौंकाने वाली बात यह भी है कि चैतन्यानंद ने 28 किताबें लिखी हैं. इन किताबों पर कई नामी-गिरामी हस्तियों की प्रस्तावनाएं और समीक्षाएं दर्ज हैं. ‘फॉरगेट क्लासरूम लर्निंग’ जैसी किताब की प्रस्तावना एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स के नाम से बताई जाती है. ई-कॉमर्स साइटों पर उसके बारे में लिखा गया है कि वह “प्रतिष्ठित प्रोफेसर, वक्ता, लेखक और आध्यात्मिक दार्शनिक” है. लेकिन अब यह तमाम दावे और किताबें एक गहरी साज़िश की तरह लग रही हैं, जिनके पीछे उसका असली चेहरा छुपा हुआ था.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग की टीम इस मामले की निगरानी कर रही है ताकि पीड़िताओं को न्याय दिलाया जा सके. पुलिस जांच में अब तक कई डिजिटल सबूत मिले हैं. चैट, एसएमएस और कॉल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. पुलिस को शक है कि चैतन्यानंद के कई राज्यों में मजबूत संपर्क हैं, जो उसे गिरफ्त से बचाने में मदद कर रहे हैं.
कहानी अब भी अधूरी
फिलहाल, दिल्ली पुलिस आरोपी की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है. जब तक बाबा शिकंजे में नहीं आता, उसकी “लेडी गैंग” की असली भूमिका भी पूरी तरह सामने नहीं आ पाएगी. सूत्र कहते हैं कि जैसे ही स्वामी गिरफ्तार होगा, इन तीनों महिलाओं की साजिशों और उनके बाबा से गहरे रिश्तों की परतें भी खुलेंगी.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)
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