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जुबीन गर्ग की मौत का रहस्य गहराया… CBI जांच की मांग तेज, MLA ने लगाए संगीन आरोप – zubeen garg death mystry cbi probe demand assam police opnm2


सिंगापुर में हुई सिंगर जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत पर अब रहस्य गहराता जा रहा है. असम में विपक्षी दलों ने साजिश का शक जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. आरोप हैं कि यात्रा दबाव में हुई, आयोजकों ने विरोधाभासी बयान दिए और सबूतों में गड़बड़ी है. इसके लिए असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. 

देवव्रत सैकिया का कहना है कि यह मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. इसमें साजिश के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. उन्होंने पत्र में लिखा है, “असम के सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग की मृत्यु आकस्मिक नहीं लगती. यह घटना विदेशी धरती पर हुई है. इसमें क्षेत्राधिकार संबंधी बाधाएं हैं. ऐसे में सीआईडी/एसआईटी जांच पर्याप्त नहीं होगी. उससे न्याय की उम्मीद नहीं है.”

उन्होंने कहा कि सीबीआई और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच हो तभी इंसाफ मिल सकता है. सैकिया ने कई सनसनीखेज दावे किए. उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले जुबीन गर्ग ने अपने करीबी सहयोगियों को बताया था कि वे स्वेच्छा से नहीं, बल्कि दबाव में विदेश जा रहे हैं. आरोप है कि उनको उनकी सामान्य यात्रा पद्धति बदलने के लिए मजबूर किया गया. 

उन्हें सीमित साथियों के साथ भेजा गया, ताकि गवाहों की संख्या न्यूनतम रहे और आयोजकों की जवाबदेही सीमित हो जाए. इससे यह शक और गहराता है कि उनकी मौत महज हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश हो सकती है. इस मामले में सबसे बड़ा विवाद पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत को लेकर है. विपक्ष का आरोप है कि उनके बयान विरोधाभासी हैं.

इससे पहले असम सरकार ने श्यामकानु महंत पर राज्य में किसी भी समारोह या आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, वो कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं. वे पूर्व डीजीपी भास्कर ज्योति महंत के छोटे भाई हैं, जो फिलहाल असम राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त हैं. उनका एक और भाई नानी गोपाल महंत गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं.

असम जातीय परिषद और रायजोर दल जैसे विपक्षी दल भी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि विदेशी धरती पर हुई मौत की जांच सीआईडी जैसी राज्य एजेंसी नहीं कर सकती. एजेपी के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा, “विदेशी धरती पर हुई मौत की जांच करने का अधिकार केवल सीबीआई के पास है. हम सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते हैं.”

इस मामले को लेकर गुवाहाटी हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि मामले की जांच अदालत की निगरानी में हो. जनता का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि जुबीन गर्ग, जो हमेशा खुद को सिर्फ इंसान कहते थे और जाति-धर्म से ऊपर रहते थे, उनकी मौत के बाद भी राजनीति और सत्ता के खेल हावी होते दिख रहे हैं.

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