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Uttar Pradesh: बहराइच में सीरियल रेपिस्ट को उम्रकैद, मासूम बच्चियों को ऐसे बनाता था अपना शिकार – serial rapist life imprisonment assaulting girl bahraich uttar pradesh opnm2


उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में डर का पर्याय बन चुके एक ‘सीरियल रेपिस्ट’ सात साल की बच्ची के अपहरण और बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है. अपराधी का नाम 32 वर्षीय अविनाश पांडे उर्फ ‘सिंपल’ है, जो 4-7 साल की बच्चियों को अपना शिकार बनाता था. उसके खिलाफ कई केस दर्ज है. इस मामले में उस पर 1.6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
 
विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) दीप कांत मणि ने बुधवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इससे पहले अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अविनाश पांडे को दोषी ठहराया था. इस मामले में इसी साल जुलाई में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद अदालत में सुनवाई चल रही थी.

विशेष जिला सरकारी वकील (पॉक्सो) संत प्रताप सिंह ने बताया कि अविनाश पांडे एक ‘सीरियल रेपिस्ट’ है. वो 4 से 7 साल की मासूम बच्चियों को अपना निशाना बनाता था. उसका तरीका बेहद क्रूर और सुनियोजित था. वो भीषण गर्मी में सुबह 3 से 4 बजे के बीच शिकार के लिए निकलता था. अपने घरों के बाहर सो रही बच्चियों को अगवा कर लेता. उनको साइकिल से जंगल ले जाता.

वहां उन्हें अपने मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो दिखाता. उनके साथ मारपीट करता. कई बार टॉफी, खिलौने और कपड़े देकर उनको मनाने की कोशिश करता. इसके बाद उनके साथ बलात्कार करता था. उसकी करतूत पहली बार तब सामने आई, जब 25 जून से बहराइच के सुजौली इलाके में लगातार शिकायतें मिलने लगीं. पुलिस को इलाके से गायब हो रही बच्चियों के बारे में बताया गया.

इस मामले में केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी. पीड़ित बच्चियों के बयानों के आधार पर आरोपी की पहचान की गई. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी शराब का आदी था. उसके हाथ पर एक टैटू था, जिसने उसकी पहचान में अहम भूमिका निभाई. उसके खिलाफ चार अलग-अलग मामलों में केस दर्ज कराई गई थी. 6 जुलाई को उसे हिरासत में ले लिया गया. 

पुलिस जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन से आपत्तिजनक तस्वीरें बरामद हुईं. इसके अलावा पीड़िता के कपड़े, उसकी साइकिल, दो मोबाइल फोन और अन्य अहम साक्ष्य भी मिले. वो जानबूझकर ऐसी बच्चियों को निशाना बनाता, जो अपनी आपबीती बयान करने में असमर्थ हो. लेकिन लोगों की सतर्कता, पीड़ितों के बयान और पुलिस की सक्रियता ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.  

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