भारत 10 से 16 सितंबर तक रूस में होने वाले बहुपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेगा। इस अभ्यास का उद्देश्य आपसी तालमेल बढ़ाना और परंपरागत युद्ध तथा आतंकवाद-रोधी अभियानों के क्षेत्र में रणनीति, तकनीक और तरीकों का आदान-प्रदान करना है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों का 65 सदस्यीय दल मंगलवार को रूस रवाना हुआ। यह दल ‘अभ्यास जैपद’ में भाग लेगा, जो रूस के निजनी के मुलिनो प्रशिक्षण मैदान में आयोजित होगा।
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दल में भारतीय सेना के 57 जवान शामिल
इस दल में भारतीय सेना के 57 जवान, भारतीय वायुसेना के सात और भारतीय नौसेना का एक जवान शामिल है। भारतीय सेना के दल का नेतृत्व कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन और अन्य सेनाओं के जवान कर रहे हैं।
बहुपक्षीय अभ्यास का मकसद सैन्य सहयोग को बढ़ाना
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस बहुपक्षीय अभ्यास का मकसद ‘सैन्य सहयोग को बढ़ाना, अंतर-संचालन क्षमता में सुधार लाना और भाग लेने वाली सेनाओं को परंपरागत युद्ध और आतंकवाद-रोधी अभियानों के क्षेत्र में रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना’ है।
अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास खुले और समतल भूभाग में संयुक्त कंपनी-स्तरीय अभियानों पर केंद्रित होगा, जिसमें सैनिक संयुक्त योजना, सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल जैसे मिशनों को अंजाम देंगे।
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भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग होगा और मजबूत
अधिकारियों ने कहा कि यह अभ्यास संयुक्त परिचालन क्षमताओं को निखारने, उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने और बहुराष्ट्रीय युद्ध वातावरण में संचालन करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करेगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘अभ्यास जैपद 2025’ में भारत की भागीदारी से भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत होगा। साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और दोस्ती को बढ़ावा मिलेगा।