इस्राइल ने यरूशलम में बस स्टॉप पर हुए हमले के मामले में कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हमले के दोनों आरोपियों, उनके रिश्तेदारों तथा कस्बे के रहने वाले अन्य लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है। यही नहीं, हमलावरों के रिश्तेदारों व उनके गांवों के सैकड़ों लोगों का वर्क परमिट भी रद्द किया जाएगा। यरूशलम के बस स्टॉप पर सोमवार को बंदूकधारियों के हमले में छह लोग मारे गए थे, जबकि कई घायल हुए थे। दोनों बंदूकधारी मौके पर ही मारे गए थे।
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दोनों हमलावर इस्राइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कतन्ना और कुबेइबा कस्बों के रहने वाले थे। रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने एक बयान में कहा कि उन्होंने हमलावरों के परिवार के सदस्यों और दोनों कस्बों के बाशिंदों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। दोनों कस्बों में बिना परमिट के बने हर ढांचे को ध्वस्त कर दिया जाएगा। कस्बों के 750 लोगों की इस्राइल में काम करने की अनुमति रद्द कर दी जाएगी, जो कई फलस्तीनी परिवारों की आय का मुख्य स्रोत है। काट्ज का कहना है कि हमलावरों के रिश्तेदारों और उनके कस्बे में रहने वाले लोगों के घरों को ध्वस्त करना भविष्य के हमलों को रोकने के लिए एक निवारक कार्रवाई है। फलस्तीनी व मानवाधिकार समूह इस प्रथा को सामूहिक दंड मानते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत प्रतिबंधित है।
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अपने नागरिकों को हथियार देगा इस्राइल
पुलिस ने कहा कि उन्होंने पूर्वी यरूशलम के एक बाशिंदे को आतंकियों को घटनास्थल तक पहुंचने में मदद करने के संदेह में गिरफ्तार किया है। हमले में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने कहा कि देश के पात्र लोगों को हथियार रखने का लाइसेंस दिया जाएगा। उन्होंने कहा, इस भयावह हमले में यह फिर से साबित हुआ कि हथियार जान बचाते हैं। दोनों आतंकियों को हथियारधारी नागरिकों ने ही मार गिराया था।