राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में आज एक बार फिर से मानवता को शर्मसार करने और दिल तोड़ देने वाला मामला सामने आया है. जिले के बिजौलिया उपखंड के माल का खेड़ा रोड स्थित सीताकुंड के जंगलों में किसी ने 10 से 12 दिन के नवजात को पत्थरों के नीचे दबाकर छोड़ दिया था. जब बच्चे को बाहर निकाला गया तो उसकी हालत ऐसी थी कि किसी के भी आंसू आ जाएं.
चीखों के दबाने के लिए पत्थर ठूंसकर चिपकाया मुंह
मासूम के साथ ये सब करने वालों ने हैवानियत की हद तो यह कर दी थी कि उसकी चीखों के दबाने के लिए उसके मुंह में एक पत्थर डालकर फेवी क्विक से चिपका दिया गया था. मगर कहते हैं ना कि जाको राखे साईयां मार सके ना कोय. ऐसा ही नवजात के साथ भी हुआ. पत्थरों के पास ही अपने मवेशी चराने आए चरवाहे को जब मासूम की हल्की आवाज सुनाई दी तो उसने तुंरत ग्रामीणों को सुचित किया. जिससे समय रहते मासूम की जान को बचा लिया गया.
पत्थरों के नीचे से आई चरवाहों की आवाज
बिजौलियां थाना क्षेत्र के सिताकुंड जंगल में मंगलवार दोपहर को एक चरवाहा अपने मवेशी चरा रहा था. इसी दौरान उसको पास के पत्थरों से एक बच्चे के रोने की हल्की आवाज सुनाई दी. जिस पर उसने पास जाकर देखा तो पत्थरों के नीचे एक नवजात बच्चा पड़ा हुआ था. इस पर चरवाहे ने पास ही स्थित मंदिर में बैठे ग्रामीणों को सूचना दी. ग्रामीणों ने बिजौलियां थाना पुलिस को बताया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से बच्चे को बाहर निकाला.
गर्म पत्थर से झुलस गया था शरीर
बच्चे को जब बाहर निकाला गया तो दिखा कि उसका मुंह बंद करने के लिए उसमें एक पत्थर डालकर ऊपर से फेवी क्विक से चिपका रखा था. जिसका पाउच भी पत्थरों के पास ही पड़ा हुआ था. पुलिस ने 108 की मदद से मासूम को बिजौलियां अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर उसे भीलवाड़ा जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया.
मासूम का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि मासूम की हालत में सुधार है मगर पत्थर गर्म होने की वजह से उसका लेफ्ट साइड का शरीर झुलस गया है. वहीं बिजौलियां थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
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