भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग तेजी से बढ़ रहा है और इसमें अपार संभावनाएं छुपी हुई हैं. दोनों देश मिलकर इस सहयोग को और अधिक मजबूत बनाएंगे, जिससे दोनों देशों को व्यापारिक और आर्थिक लाभ मिलेगा.
चीनी राजदूत ने बताया कि इस साल चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों को 75 साल पूरे हुए हैं. इस दौरान दोनों देशों के रिश्तों में उतार-चढ़ाव जरूर आए, लेकिन मुख्य रूप से ये रिश्ते दोस्ताना और सहयोग पर आधारित रहे.
चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को हर स्तर पर दोस्ताना संबंध बनाए रखने की जरूरत है. बातचीत और संवाद बनाए रखना बहुत जरूरी है. दोनों देशों को एक-दूसरे के मुख्य हितों और ज्वलंत मुद्दों का सम्मान करना चाहिए.
उन्होंने कहा, पुराने सीमा विवाद को वर्तमान संबंधों को खराब करने वाला कारण नहीं बनने देना चाहिए. छोटे मोटे मतभेदों की वजह से द्विपक्षीय सहयोग में बाधा नहीं आनी चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि हमें शांति के पांच सिद्धांतों को आगे बढ़ाना चाहिए और विश्व में कोई भी किसी देश का दूसरे देश पर वर्चस्व, जबरदस्ती या व्यापारिक युद्ध स्वीकार नहीं किए जाने चाहिए.
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चीनी राजदूत ने वकालत की है कि भारत टैरिफ़ के ख़िलाफ़ चीन और भारत को मिलकर वैश्विक दक्षिण के आम हितों की रक्षा करनी चाहिए और मानवता के साझा भविष्य का निर्माण करना चाहिए और टैरिफ़ के ख़िलाफ़ साथ खड़ा होना चाहिए.
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