AI को लेकर यही हौवा है कि ये नौकरी खा जाएगा? वैसे कुछ हदतक ये सही भी है, क्यूंकि बाकी आविष्कार से अलग ये ऐसी मशीन है, जो खुद सोच सकती है और काम कर सकती है. इसलिए ऐसे वाइट कॉलर काम जिसमें एक ही चीज़ को बार-बार रिपीट करना पड़ता है, अब लगता है वो एआई करेगा. अब वो डेटा एंट्री करना हो, कुछ हिसाब लगना या फिर बार-बार आर्टिकल और ई-मेल लिखना. अब मसला यही है कि वाइट कॉलर में भी शुरुआती नौकरी यही होती है, जिनकी संख्या बहुत ज्यादा है. बड़े लोग दावे करते हैं कि AI 30 फीसदी तक नौकरी खतम कर देगा, लेकिन इसमें सिर्फ डरने की बात नहीं है क्यूंकि AI नई नौकरी पैदा भी कर रहा है, बस स्किल सीखने की ज़रूरत है.
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