इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कहा है कि दुनिया में कोई भी स्वतंत्र फिलीस्तीन देश नहीं होगा. अमेरिका में उन्होंने बेहद तल्खी दिखाते हुए कहा, “कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा. हमारी धरती के बीच में एक आतंकवादी राज्य को जबरन स्थापित करने की नई कोशिश का जवाब अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा… 7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद फिलीस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं के लिए मेरा स्पष्ट संदेश है: आप आतंक को एक बहुत बड़े पुरस्कार से पुरस्कृत कर रहे हैं.”
बता दें कि ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने 21 सितंबर 2025 को फिलीस्तीन को औपचारिक रूप से एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी. यह कदम गाजा में चल रहे युद्ध और वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों के विस्तार के खिलाफ बढ़ते अंतरराष्ट्रीय असंतोष के बीच उठाया गया है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि यह मान्यता दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक कदम है जो हमास को कोई फायदा नहीं पहुंचाता है.
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इसे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और हमास के अंत की दिशा में कदम बताया. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे दो-राष्ट्र समाधान के लिए गति प्रदान करने का हिस्सा माना. यह कदम संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले उठाया गया है.
कोई फिलीस्तीनी राज्य नहीं होगा
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस ऐलान ने गुस्से में हैं. उन्होंने साफ साफ कहा है कि, “मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है- ऐसा नहीं होने वाला. जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलीस्तीनी राज्य नहीं होगा. वर्षों से मैंने उस टेरर स्टेट के निर्माण को घरेलू और विदेशी दोनों ही तरह के भारी दबाव के बावजूद रोका है. हमने यह दृढ़ संकल्प और चतुर कूटनीति के साथ किया है.”
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इसके अलावा हमने यहूदिया और सामरिया में यहूदियों की संख्या दोगुनी कर दी है, और हम इसी राह पर चलते रहेंगे. हमारी धरती के बीचोबीच में एक आतंकवादी राज्य को थोपने के नवीनतम प्रयास का जवाब संयुक्त राज्य अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा.”
नेतन्याहू का यह संदेश इसलिए अहम है कि ये चार देश पारंपरिक रूप से इज़राइल के सहयोगी रहे हैं. लेकिन अब ये देश फ़िलिस्तीनियों के कब्जे वाले क्षेत्रों से एक स्वतंत्र मातृभूमि स्थापित करने के लक्ष्य का समर्थन करने वाले 140 से अधिक अन्य देशों के साथ शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इस मुद्दे पर गरमागरम बहस हो सकती है.
गाजा पर टोटल कंट्रोल का ऑपरेशन
गाजा में इजरायल अभी “ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स II” है जो 16 सितंबर, 2025 को शुरू हुआ. इसका उद्देश्य हमास के सैन्य और शासकीय ढांचे को नष्ट करना, बंधकों को मुक्त करना और गाजा के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित करना है. फिलहाल यह अभियान गाजा सिटी पर केंद्रित है, जहां इजरायली सेना ने भारी हवाई हमले और जमीनी कार्रवाइयां शुरू की हैं.
इजरायली रक्षा बल ने यहां दो डिवीजनों को तैनात किया है, जो शहर के केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं. इस अभियान में रिमोट-नियंत्रित विस्फोटक वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इसे नरसंहार और मानवीय संकट बढ़ाने वाला बताया है. गाजा सिटी से लगभग 3,50,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं और 65,000 से अधिक फिलीस्तीनी मारे गए हैं.
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