Shardiya Navratri 2025: आज से शारदीय नवरात्र का आरंभ हो चुका है. इस पावन अवसर पर भक्त घर में माता रानी का आह्वान करने के लिए कलश स्थापना करते हैं. मान्यता है कि कलश में देवताओं का वास होता है और इसे सुख, शांति व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. जब भक्त विधि-विधान से कलश स्थापित करते हैं तो मां दुर्गा प्रसन्न होकर घर में प्रवेश करती हैं और साधकों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. लेकिन यदि कलश स्थापना में लापरवाही बरती जाए तो पूजा का शुभ फल कम हो सकता है. इसी कारण कलश स्थापना के नियमों और सामग्री को अच्छी तरह समझना और उनका पालन करना आवश्यक है.
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Ghat Sthapna Muuhurat)
पंचांग के अनुसार, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त आज सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. यदि कोई इस समय में कलश स्थापना नहीं कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापना करना शुभ माना गया है. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
कलश स्थापना से पहले एक स्वच्छ मिट्टी के कलश पर मौली बांधना शुभ माना गया है. इसके बाद कलश में गंगाजल अवश्य डालें, क्योंकि इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. साथ ही कलश में सुपारी, साबुत हल्दी, लौंग-इलायची, सिक्का और पुष्प रखना भी डालना चाहिए. यह सभी वस्तुएं मां दुर्गा की कृपा आकर्षित करने वाली मानी जाती हैं.
कलश को सजाने की विधि
कलश को सजाते समय पांच आम के पत्तों पर हल्दी और कुमकुम लगाकर उन्हें कलश के मुख पर चारों ओर रख दें. इसके बाद एक नारियल लें, उस पर लाल चुनरी या वस्त्र लपेटें और कलश के ऊपर स्थापित कर दें. यह नारियल देवी मां का प्रतीक होता है और इसे शुभता तथा समृद्धि का कारक माना गया है.
किस दिशा में रखें कलश
शास्त्रों में बताया गया है कि कलश स्थापना सदैव शुभ दिशा में की जानी चाहिए. नवरात्र में कलश को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में रखना सर्वश्रेष्ठ माना गया है. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और मां दुर्गा की कृपा सदैव बनी रहती है.
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