Surya Grahan 2025: 21 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. खास बात यह है कि यह ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के संयोग में पड़ रहा है. भारतीय समयानुसार, ग्रहण की शुरुआत रात 11:00 बजे होगी और इसका समापन देर रात 03:23 बजे होगा. कुल मिलाकर यह ग्रहण 4 घंटे 23 मिनट तक चलेगा. ग्रहण काल में बच्चे, बुजर्ग और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण का इन लोगों पर क्या प्रभाव रहने वाला है.
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है. यही कारण है कि इस दौरान कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए ग्रहण काल ज्यादा संवेदनशील माना जाता है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए न तो सूतक लग रहा है और न ही लोगों पर कोई विशेष नियम लागू होंगे.
गर्भवती महिलाओं पर असर
इस सूर्य ग्रहण का गर्भवती स्त्रियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आपको खाने-पीने से लेकर रसोई में सब्जी काटने या पकाने से जुड़े किसी विशेष नियम का पालन नहीं करना होगा. आप मंदिर में पूजा पाठ कर सकती हैं. किसी भी वक्त भोजन कर सकती हैं. सब्जी काटने या पकाने जैसे कार्यों पर भी कोई पाबंदी नहीं है. यदि किसी कारणवश आपका घर से बाहर जाना जरूरी है, तो आप निश्चिंत हो होकर घर से बाहर निकल सकती हैं.
बच्चों पर असर
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, जिसका असर बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर पड़ सकता है. छोटे बच्चे बहुत जल्दी बाहरी प्रभावों को ग्रहण कर लेते हैं. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिख रहा है. इसलिए बच्चों पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा. सामान्य दिनों की तरह ही बच्चे घर से बाहर जा सकते हैं और अपने रूटीन के काम कर सकते हैं.
बुजुर्गों के लिए सावधानियां
कहते हैं कि ग्रहण काल में वृद्धजनों की सेहत का विशेष ख्याल रखना पड़ता है. लेकिन इस सूर्य ग्रहण का बुजुर्गों की शारीरिक या मानसिक स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. इसलिए बुजुर्ग वर्ग के लोगों को लेकर भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.
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