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Patak Kaal: सूर्य ग्रहण का सूतक भारत में लगेगा? सूतक और पातक में अंतर भी समझिए – surya grahan 2025 date time sutak kaal sutak vs patak tvisc


Surya Grahan 2025: 21 सिंतबर की रात साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण रात 11 बजे से लेकर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा.  सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण जब भारत में दिखते हैं तो कुछ घंटों पहले सूतक लागू हो जाता है. लेकिन क्या कभी आपने पातक के बारे में सुना है.

सूतक और पातक का संबंध ग्रहण के अलावा जन्म और मृत्यु जैसी घटनाओं से भी जुड़ा होता है. ग्रहण के अलावा, जब किसी घर में बच्चा पैदा होता है, नाल काटने के बाद 6 या 10 दिन का सूतक लग जाता है. वहीं, घर में जब किसी मृत्यु होती है, तो घर में 13 दिन के लिए पातक लग जाता है. इस दौरान परिवार को अशुद्ध माना जाता है. इस समय लोग पूजा-पाठ और शुभ व मांगलिक कार्यों से दूर रहते हैं. आइए जानते हैं कि पातक कब कब लगता है और इसके नियम क्या हैं.

कब-कब लगता है पातक?

1. घर में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो 13 दिन के लिए पातक लग जाता है. इसका असर केवल व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे परिवार और उनके धार्मिक कर्मों को बाधित करता है. यही कारण है कि पातक को सूतक की अपेक्षा ज्यादा कठोर माना गया है. इस दौरान आप न पूजा-पाठ कर सकते हैं. किसी शुभ या धार्मिक कार्यक्रमों में भी शामिल होना वर्जित माना गया है. दान, विवाह या कोई भी शुभ कार्य वर्जित रहता है.

2. इसके अलावा, स्त्री का गर्भपात होना केवल शारीरिक पीड़ा नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी गंभीर दोष माना जाता है. गर्भ में पल रहा जीवन जब अधूरा रह जाता है, तो उसकी आत्मा का संस्कार अधूरा माना जाता है. ऐसे में भी घर में पातक लागू होता है. इसका प्रभाव पूरे परिवार की धार्मिक शुद्धि पर पड़ता है और इसका निवारण विशेष शांति कार्य से ही संभव है.

3. शास्त्रों में जीव-जंतु भी परिवार का अभिन्न हिस्सा माने गए हैं. जब किसी पालतू पशु या पक्षी की मृत्यु होती है तो उसे भी साधारण घटना नहीं माना गया है. परिवार से उनका संबंध हमेशा के लिए खत्म होने पर भी पातक लागू होता है.

पातक के प्रभाव और उपाय

पातक की स्थिति में धार्मिक कार्य वर्जित माने जाते हैं. घर में नकारात्मकता का वातावरण छाया रहता है. यह समय संयम, सात्विक भोजन और आत्म शुद्धि के लिए माना गया है. पातक से मुक्ति के लिए धर्मशास्त्रों ने कुछ उपाय बताए हैं. मृतक के लिए श्राद्ध और तर्पण करना, गर्भपात के बाद विशेष शांति पाठ कराना, पालतू की मृत्यु पर जलदान और गीता-पाठ करना शुभ माना गया है.

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