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गुस्सा भी हो सकता है हार्ट अटैक का कारण! डॉक्टर ने बताई पूरी कहानी – Anger can also be the cause of heart attack tvisx


Anger Heart Attack Risk: आजकल कम उम्र के लोगों  में तेजी से हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं जो बहुत चिंता की बात है. हार्ट अटैक पहले अक्सर बड़े बुजुर्गों को आता था लेकिन अब तो किसी भी उम्र के इंसान को दिल का दौरा पड़ जाता है. हार्ट अटैक से कई जान भी चली गई हैं और इस बीच हाल ही में फिटनेस कोच और इन्फ्लुएंसर प्रियंका मेहता ने इंस्टाग्राम पर एक रील शेयर की है जो लोगों के बीच तेजी से सुर्खियां बटोर रही है. वीडियो में उन्होंने दावा किया है कि लगातार गुस्सा करना दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने हार्वर्ड की स्टडी का हवाला देते हुए फॉलोअर्स को बार-बार गुस्सा करने के जोखिम को लेकर चेतावनी भी दी है. 

हर छोटी-बड़ी बात पर लोग गुस्सा करते हैं और ऐसे में ये कहना है कि लगातार गुस्सा करने से दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है. इसे सुनकर लोग हैरान है, क्योंकि गुस्सा तो हर कोई करता है, चलिए जानते हैं कि क्या सच में गुस्सा हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.

क्या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है गुस्सा?

हार्वर्ड की रिसर्च के अनुसार, जब हम बहुत ज्यादा मेंटली और इमोशनली स्ट्रेस में होते हैं तो हमारे शरीर में कुछ बदलाव होने लगते हैं. इन बदलावों का असर दिल पर भी पड़ता है और दिल तक जाने वाला खून कम हो सकता है, जिसे इस्कीमिया कहते हैं. अगर किसी को पहले से दिल की बीमारी है तो तनाव के कारण ये स्थिति उनके लिए हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ा सकती है.

साल 2020 की एक स्टडी बताती है कि अचानक गुस्सा, फिक्र या दुख जैसे इमोशनल ट्रिगर्स दिल से जुड़ी घटनाओं का कारण बन सकते हैं. तनाव हार्मोन जैसे एड्रेनालिन और कोर्टिसोल ब्लड प्रेशर, दिल की गति और खून के जमाव को बढ़ाते हैं जो दिल के मरीजों में खासतौर पर हार्ट अटैक का ट्रिगर बन सकता है.

2021 में JAMA में छपी एक स्टडी ने भी गुस्से से हार्ट अटैक के खतरे की बात को मजबूती दी है, उसमें रिसर्चर ने 918 कोरोनरी हार्ट पेशेंट को लगभग पांच साल तक फॉलो किया. तब उन्होंने पाया कि जिन लोगों में मानसिक तनाव से इस्कीमिया ने जन्म लिया था. उनमें हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर होने की संभावना दोगुनी थी. वहीं, जिनमें मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार का स्ट्रेस इस्कीमिया था, उनमें जोखिम लगभग चार गुना बढ़ गया. 

पुरुषों की तुलना महिलाएं अधिक प्रभावित!

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के न्यूक्लियर कार्डियोलॉजी डायरेक्टर डॉ. अहमद तवाकोल के मुताबिक, ‘स्ट्रेस दिल की सबसे छोटी रक्त वाहिकाओं (माइक्रोवैस्कुलर डिजीज) को प्रभावित करता है, ये दिक्कत अक्सर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती है.’

2022 के एक रिव्यू स्टडी ने कई रिसर्च के बारे में पढ़ा और पाया कि गुस्सा और तनाव जैसे मानसिक और सामाजिक स्ट्रेस दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं और दिल से जुड़ी घटनाओं के बाद रिकवरी को धीमा कर सकते हैं. फरवरी 2023 की एक स्टडी ने गुस्से को हार्ट अटैक के साथ सीधे जोड़कर देखा. इसमें उन्होंने 313 मरीजों से पूछा गया कि हार्ट अटैक से 48 घंटे पहले उनके गुस्से का लेवल कैसा था. जिन लोगों ने बताया कि बहुत तेज गुस्सा था, उनमें अगले 2 घंटे में हार्ट अटैक का जोखिम 8.5 गुना ज्यादा था. 

सेहत के लिए खतरा हैं गुस्सा और स्ट्रेस!

दिल्ली की इंटर्नल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. गीता प्रकाश बताती हैं कि ‘गुस्सा अकेले हार्ट अटैक का कारण नहीं है, लेकिन ये दिल पर तनाव बढ़ा सकता है, खासकर उन लोगों में जिनमें पहले से इसका खतरा हो. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान या एंजाइना जैसी स्थितियों लोग ज्यादा सेंसिटिव होते हैं. गुस्से को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, लेकिन ये सिर्फ एक हिस्सा है. गुस्सा और स्ट्रेस दोनों ही सेहत के लिए हानिकारण हैं और इसके साथ ही अनहेल्दी खाना और लाइफस्टाइल भी हेल्थ को प्रभावित करते हैं. इसलिए बैलेंस डाइट, रोजाना एक्सरसाइज, योग और ध्यान जैसी आदतों को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लेना चाहिए. ये सभी चीजें मिलकर दिल की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.’

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