अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तान और चीन के संयुक्त प्रयास पर पानी फेर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र में बीएलए और मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने की पाकिस्तान और चीन के संयुक्त प्रस्ताव पर इन तीनों देशों ने अडंगा डाल दिया है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब अमेरिका ने पिछले महीने ही बीएलए और मजदी को आतंकी संगठन घोषित किया था.
संयुक्त राष्ट्र की 1267 व्यवस्था के तहत बीएलए और इसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने की संयुक्त बोली को रोकते हुए अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कहा कि इन समूहों को अलकायदा या आईएसआईएल से जोड़ने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
बता दें कि पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा था कि पाकिस्तान-चीन ने संयुक्त रूप से 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष BLA और मजीद ब्रिगेड को प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया है.
उस समय अमेरिका ने क्या कहा था?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को आधिकारिक तौर पर विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित करते हुए अमेरिका ने कहा था कि 2024 में BLA ने कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास आत्मघाती हमले किए थे. वहीं, मार्च 2025 में इस संगठन ने क्वेटा से पेशावर जा रही ‘जाफर एक्सप्रेस’ ट्रेन को हाईजैक कर 31 लोगों की हत्या और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाने की वारदात को अंजाम दिया था.
मार्को रूबियो ने कहा था किये कार्रवाई अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता को दर्शाती है. आतंकियों पर प्रतिबंध लगाना उनके वित्तीय और नेटवर्क सपोर्ट को खत्म करने का असरदार तरीका है.
बलूचिस्तान में आंदोलन चला रहा है बीएलए
BLA पिछले कई दशकों से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी हिंसक आंदोलन चला रही है. यह संगठन पाकिस्तान सरकार पर क्षेत्र के खनिज संसाधनों के दोहन और स्थानीय बलूच समुदाय के साथ भेदभाव के आरोप लगाता है. अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों ही पहले से BLA को आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जोर देकर कहा कि ऐसे पदनाम आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन और समर्थन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह कार्रवाई हिंसक समूहों के संसाधनों को सीमित करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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