उत्तर प्रदेश में जनपद इटावा के शहर में स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर और फार्मासिस्ट के साथ जो हुआ वह उन्होंने कभी नहीं सोचा था. उच्च पद के रसूख के बल पर उनके साथ कुछ लोगों ने अपराधी जैसा व्यवहार करते हुए उन्हें गाड़ी में डाला और लेकर चल दिए.
जबरन गाड़ी में डालकर ले गए डॉक्टर को
आरोप है कि बुधवार और गुरुवार की मध्य रात्रि में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की मां के बीमार होने पर संबंधित थाने की पुलिस के सिपाही और दरोगा डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे. यहां उन्होंने इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर राहुल बाबू के साथ अभद्रता की. इसके बाद वे उनको और एक फार्मासिस्ट को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए.
मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स ने की हड़ताल
डॉक्टर के साथ इस तरह की बदतमीजी होने पर सभी मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स ने हड़ताल कर दी है. मेडिकल सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई हैं.जिस पर सभी मेडिकल के स्टाफ में मांग रखी है कि यह एक तरह की गुंडागर्दी और गलत तरीके का व्यवहार है इस पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो उसके बाद ही वह काम करेंगे.
‘मोबाइल छीना और हमें घसीटकर ले गए’
वहीं प्रताड़ित हुए डॉ राहुल बाबू ने बताया कि कल रात में तीन पुलिस वाले आए और उन्होंने कहा कि एसएसपी की मां को देखना है. हम लोग व्यवस्था कर रहे थे, तब तक पुलिस वाले अभद्रता करने लगे. वे हम लोगों को घसीटकर जबरन ले गए. सिविल लाइन थाने में पुलिसकर्मियों ने मेरा मोबाइल छीना और फिर उसके बाद जबरदस्ती ले गए. और वह हम लोगों से कह रहे थे क्या आप एसएसपी साहब से बड़े हो गए हैं, या हम लोगों से बड़े हो गए हैं. चार पुलिस लोग थे, इसमें एक दरोगा भी थे. जबकि हम लोग बार-बार कह रहे थे कि किसी स्टाफ को भेज रहे हैं, इमरजेंसी से नहीं जा सकते हैं लेकिन वे फिर भी नहीं माने. हम लोग इंसाफ चाहते हैं ताकि आगे किसी के साथ अभद्रता न हो.
‘यह संगीन अपराध है, की जाएगी कार्रवाई’
इटावा सीएमओ डॉ बी.के. सिंह ने डॉक्टर्स की समस्याएं सुनने के बाद कहा कि हमको जानकारी दी गई है कि इमरजेंसी में तैनात डाक्टर और फार्मासिस्ट को पुलिसकर्मी बलपूर्वक जबरन उठाकर ले गए हैं. उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया है. इससे सरकारी कार्य में बाधा भी पहुंची है, ऐसा करना अपराध है. इस पर जो भी कानूनी कार्रवाई होगी की जाएगी. यह गंभीर मामला है. इमरजेंसी में किसी भी मरीज का एक-एक मिनट कीमती होता है. ऐसी स्थिति में जबरन ले जाना यह संगीन अपराध है. डॉक्टर से अनुरोध किया जा रहा है कि हड़ताल न करें शांति बनाए रखें. जनता की सेवा नहीं रुकना चाहिए. कानून सभी के लिए बराबर है.
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