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साजिश, सुपारी और मर्डर… मर्सिडीज़ में मिली कारोबारी की खून से सनी लाश, कातिल को जानकर हैरान रह गए सब – ahmedabad businessman himmat rudani murder case mansukh lakhani conspiracy ntcpvz


Ahmedabad Himmat Rudani Murder Case: गुजरात के अहमदाबाद शहर में रहने वाला एक बड़ा कारोबारी अचानक लापता हो गया. घरवालों ने पहले खुद उनकी तलाश शुरू की. कुछ घंटों बाद परिवारवालों को उनकी कार एक फ्लाईओवर के नीचे लावारिस हालत में खड़ी मिली. कार के अंदर तो कुछ नहीं था. लेकिन जैसे ही कार की डिग्गी खोली गई, घरवालों के होश उड़ गए. क्योंकि डिग्गी में कारोबारी की खून से सनी लाश थी. जब कत्ल के इस सनसनीखेज मामले की तफ्तीश आगे बढ़ी तो बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ. कत्ल की साजिश और दुश्मनी की ये कहानी हैरान करने वाली है.

लावारिस हालत में मिली मर्सिडीज़ कार
अहमदाबाद के व्यस्त इलाकों में से एक है विराटनगर फ्लाईओवर. वहां से 13 सितंबर की रात की कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं, जब उस फ्लाइओवर के नीचे सफेद रंग की एक मर्सिडीज़ कार लावारिस हालत में खड़ी थी. कार अहमदाबाद के एक जाने-माने बिल्डर हिम्मत रुड़ानी की थी. जो उसी रोज दोपहर से ही लापता थे और घर वाले पूरे शहर में उन्हें ढूंढ रहे थे. इसी सिलसिले में परिवार वालों की नजर इस कार पर पड़ी और कार में जो कुछ नजर आया, उसने हर किसी को दहला दिया.

मौके पर पहुंची ओढ़व थाने की टीम
रुड़ानी का फोन तो स्विच्ड ऑफ था लेकिन कार के अंदर ही पड़ा था, जबकि कार पर कुछ खून के छींटे थे और कार से बदबू भी आ रही थी. ऐसे में घरवालों ने पुलिस को इस कार के बारे में खबर दी और ओढ़व थाने की टीम मौके पर पहुंची.

डिग्गी में थी हिम्मत रुड़ानी की लाश
पुलिस ने कार की डिग्गी खोल कर तलाशी ली तो वही हुआ, जिस बात का डर था. कार के अंदर बिल्डर हिम्मत रुड़ानी की खून से सनी लाश पड़ी थी, जिसे डिग्गी में ठूंस दिया गया था. लाश पर चाकू से वार के कई निशान थे. पुलिस ने लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और इसी के साथ मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई. अब पुलिस ने ओढ़व के अलावा निकोल और रामोल समेत शहर के कई थानों और क्राइम यूनिट्स की एक टीम बना कर तफ्तीश आगे बढ़ाई. 

100 CCTV कैमरों की जांच में मिला सुराग 
विराटनगर के फ्लाईओवर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई. हालांकि, एग्जैक्ट लोकेशन को कवर करने वाला कोई सीसीटीवी कैमरा तो नहीं था, लेकिन करीब 100 सीसीटीवी कैमरों की जांच करने के बाद पुलिस को इतना तो पता चल ही गया कि हिम्मत रुड़ानी की मर्सिडीज कार को दोपहर करीब 2 बजे के आस-पास फ्लाईओवर के नीचे छोड़ा गया था और कार छोड़ने के बाद तीन संदिग्ध एक बाइक पर सवार होकर भाग निकले.

बाइक से भाग रहे थे तीन संदिग्ध
अब पुलिस ने बाइक को ट्रैक करना चालू किया. पुलिस ने बाइक के नंबर से पहले बाइक वाले का पता किया और फिर उसकी निशानदेही पर संदिग्ध कातिलों का नाम-पता और मोबाइल नंबर नोट किया. बाइक तेजी से राजस्थान की ओर बढ़ रही थी. जब अहमदाबाद पुलिस को अहसास हो गया कि बाइक उनके एरिया से बाहर निकल चुकी है, तो फिर अहमदाबाद पुलिस ने गुजरात राजस्थान बॉर्डर पर बनासकांठा पुलिस से कॉन्टैक्ट किया. पता चला कि तीनों बाइक छोड़ कर बस में सवार होकर राजस्थान के सिरोही की तरफ बढ़ रहे हैं. 

सामने आया कत्ल के मास्टरमाइंड का नाम
पुलिस ने उनका पीछा किया और आखिरकार एक नाबालिग समेत दो कातिलों को पुलिस ने धर दबोचा. जिनके नाम थे राहुल राठौड़ और पप्पू मेघवाल. पूछताछ में इन्होंने ना सिर्फ कत्ल का जुर्म कबूल लिया, बल्कि रुड़ानी के कत्ल के पीछे मौजूद मास्टरमाइंड का भी नाम लिया. ये मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि कभी उनका बिजनेस पार्टनर रहा मनसुख लखानी था.

मनसुख लखानी ने दी मर्डर की सुपारी
असल में मनसुख और हिम्मत कभी बिजनेस पार्टनर हुआ करते थे, लेकिन बाद में उनकी रुपये-पैसों को लेकर लडा़ई हो गई और दोनों अलग हो गए. लेकिन पैसों का विवाद नहीं सुलझा. केस मुकदमे का सिलसिला भी चलता रहा और आखिर मनसुख लखानी ने अपने साथी रहे हिम्मत के कत्ल की सुपारी दी. लखानी ने कत्ल की सुपारी अपनी ही कंपनी में काम करने वाले एक सिक्योरिटी गार्ड राहुल राठौड़ को दी, जिसे करीब 1.20 लाख रुपये और एक मकान देने का वादा किया गया था.

बेसमेंट पार्किंग में चाकू से मर्डर
सुपारी मिलने के बाद कातिलों ने हिम्मत की रेकी करने की शुरुआत कर दी. 13 सितंबर को जब हिम्मत रुड़ानी निकोल इलाके में सरदारधाम नाम की संस्था में गए, तो वहां बेसमेंट की पार्किंग में कातिलों ने उन्हें घेर कर उनकी जान ले ली. उन पर चाकू बरसाए और लाश को उन्हीं की कार की डिग्गी में डाला और कार लेकर फरार हो गए. इनमें दो कातिल कार में मौजूद थे, जबकि एक बाइक पर उनके साथ चलता रहा. 

खुल गया कत्ल का राज
इस बीच ने तीनों ने सुपारी देने वाले मनसुख लखानी को भी कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. तब आखिर में लाश समेत कार को विराटनगर फ्लाईओवर के नीचे छोड़ कर क़ातिल बाइक पर ही राजस्थान के लिए निकल गए. लेकिन आखिरकार उन्हें रास्ते में ही पकड़ लिया गया. और इस तरह से इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस का राज खुल गया.

(अहमदाबाद से अतुल तिवारी और बृजेश दोषी का इनपुट)

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