भारतीय लोकतंत्र की सियासी लड़ाई में अब कथित ‘वोट चोरी’ का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अगस्त में कर्नाटक में वोट जोड़ने का एटम बम फोड़ चुके राहुल गांधी ने आज हाइड्रोजन बम फोड़ने से पहले प्री हाइड्रोजन विस्फोट किया है.
आरोप है कि कर्नाटक के आलंद में 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थक वोटर्स के नाम काटने की कोशिश की गई जो इत्तेफाकन पकड़ी गई. हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि किसी वोटर का नाम ऑनलाइन डिलीट हो ही नहीं सकता. बिना वोटर की जानकारी के नाम नहीं कट सकता.
बीजेपी कह रही है कि जनता की अदालत में नाकामी झेल रहे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी चुनाव की पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद पर हमले कर रहे हैं.
राहुल गांधी के आरोप क्या हैं?
राहुल गांधी ने वोट काटने की कोशिश के आरोप में मिसाल के तौर पर ये भी दावा किया कि 19 दिसंबर 2022 को सुबह चार बजकर 7 मिनट 40 सेकंड से 4 बजकर 8 मिनट 16 सेकंड के बीच 2 फॉर्म 7 भरे गए, जिसमें फॉर्म का सोर्स ऑनलाइन लिखा दिख रहा है. इसके लिए फॉर्म 7 का इस्तेमाल किया गया और आवेदनों में कर्नाटक के बाहर के फोन नंबरों का इस्तेमाल हुआ.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के नए आरोपों से महाराष्ट्र में सियासी घमासान, विपक्ष ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा
राहुल ने दावा किया कि यह काम किसी इंसान ने नहीं, बल्कि एक ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर ने किया था. मंच पर मौजूद कांग्रेस विधायक बी आर पाटिल कहते हैं कि जागृत हो गए तो बच गए वरना 2018 की तरह 6-7 हजार वोट से हार सकते थे.उन्होंने इस मामले में कर्नाटक पुलिस की सीआईडी की जांच का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग 18 बार पत्र लिखने के बावजूद सीआईडी को उस आईपी एड्रेस और मशीन की जानकारी नहीं दे रहा है, जिससे ये फॉर्म भरे गए थे.
उन्होंने एक वोटर गोदाबाई का बयान भी दिखाया, जिनके नाम से 12 लोगों के वोट हटाने का आवेदन दिया गया था, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी. आलंद विधानसभा के विधायक बी आर पाटिल भी मंच पर मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि अगर यह धांधली पकड़ी नहीं जाती तो वे 2018 की तरह हार सकते थे.
राहुल के आरोपों पर आयोग का पांच प्वाइंट में जवाब
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से पांच बिंदुओं में अनौपचारिक जवाब दिया गया है.
– आयोग ने कहा है कि राहुल ने असत्य और आधारहीन आरोप लगाए हैं.
– किसी वोटर का नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता.
– किसी वोटर को सुनवाई का मौका दिये बगैर नाम नहीं काटा जा सकता.
– आलंद में वोटर के नाम डिलीट करने की नाकाम कोशिश हुई थी जिस पर 2023 में चुनाव आयोग ने ही एफआईआर की थी.
– पांचवीं बात कि आलंद सीट पर 2018 में बीजेपी के सुबोध गुट्टेदार और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल जीते थे.
यह भी पढ़ें: कर्नाटक-महाराष्ट्र की ‘वोट चोरी’ के सबूत दिखाकर राहुल गांधी साध रहे हैं बिहार की चुनावी लड़ाई?
बीजेपी ने खारिज किए आरोप
बीजेपी ने कहा है कि दरअसल वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बहाने राहुल गांधी पूरी चुनाव प्रक्रिया और चुनाव नतीजों पर सवाल उठाने की कोशिश कर रहे हैं…जबकि इन आरोपों को कोई कानूनी चुनौती नहीं दी जा रही. यही वजह है कि बीजेपी और आयोग दोनों ही राहुल के आरोपों को चुनावी सियासत में फैलाया जा रहा भ्रम करार देते हैं.
—- समाप्त —-